गोसपुरा नंबर एक (उपनगर ग्वालियर) निवासी मनीष राजपूत (33) साफ्टवेयर इंजीनियर थे। लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली, इसलिए परेशान थे। अनिल राजपूत ने बताया, मनीष छोटा भाई था, उसने कई बार सरकारी नौकरी हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहा। इसलिए डिप्रेशन में आ गया था। शनिवार देर रात मनीष ने सल्फास खा लिया। इससे पहले मनीष ने घर के मेन दरवाजे पर ताला लगाया और उसकी चाबी भी फेंक दी। जाहिर है उन्हें पता था कि जहर असर दिखाएगा तो परिवार के लोग उनकी जान बचाने के लिए अस्पताल ले जाएंगे, इसलिए मनीष ने घर से बाहर निकलने का रास्ता ही बंद कर दिया था। जहर खाने के बाद उनकी हालत बिगड़ी तब परिवार को पता चला। अनिल ने बताया, वह रात को शादी में गए थे, पिता ने उन्हें फोन कर बताया मनीष ने जहर खा लिया है, तो वह भागकर घर पहुंचे। मेन गेट का ताला लगा था, इसलिए पड़ोसी की छत के रास्ते घर में आए, ताला तोड$कर मनीष को हजीरा अस्पताल ले आए। यहां चिकित्सकों ने उन्हें तुरंत जेएएच ले जाने को कहा। यहां चिकित्सकों ने चैकअप कर मनीष को मृत बता दिया।
मनीष को ले जाते वक्त रास्ते में मां को आया
अनिल का कहना था, उनके परिवार पर तो दुख का पहाड़ टूट गया। भाई के साथ मां ने भी दुनिया छोड़ दी। मनीष को अस्पताल ले जाते वक्त मां राधा भी साथ थीं, मनीष की हालत देखकर मां को सदमा लग गया। अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी भी हालत बिगड़ गई और रास्ते में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया, उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
मां, बेटे के शव का परीक्षण
इंजीनियर ने जहर खाकर खुदकुशी की है, इस घटना को उनकी मां सहन नहीं कर पाईं। उनकी भी हालत बिगड़ गई। उन्होंने भी दम तोड़ दिया। दोनों के शव का परीक्षण कराया गया है।