बैंक के जुर्माने पर नहीं देना होगा टैक्स
इसके साथ ही बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले जुर्माने, लेट फीस पर जीएसटी देय नहीं होगा। बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी की दरों को लेकर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि नमक और मसाले वाला खाने के लिए तैयार पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी, डिब्बाबंद और लेबल के साथ इस पर 12 फीसदी और चीनी वाले पॉपकॉर्न यानी कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लिया जा रहा है।
यह महत्त्वपूर्ण फैसले
1.काउंसिल ने फोर्टिफाइड चावल पर टैक्स की दर घटाकर 18 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। फोर्टिफाइड राइस का सार्वजनिक वितरण क्षेत्र में वितरित किया जाता है। 2.जीन थेरेपी को जीएसटी से छूट दी गई है। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने पहले से प्री-पैकेज्ड और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन की सिफारिश की है। 4.काली मिर्च और किशमिश को अगर कोई किसान बेचता है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 5.50 फीसदी से अधिक फ्लाई ऐश कंटेट वाले ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (एसीसी) ब्लॉक्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।
6.एनर्जी एजेंसी के निरीक्षण में काम आने वाले उपकरणों को आइजीएसटी से मुक्त किया गया। 7.नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के ट्रेनिंग पार्टनर्स को जीएसटी से छूट दी गई है। छोटे कारोबारी किसी परिसर का हिस्सा किराए पर लेते है और वह कंपोजिशन में पंजीकृत नहीं है तो उन पर जीएसटी लागू नहीं होगा।
8.छोटी कंपनियों को रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आती हैं, इनके रजिस्ट्रेशन को सरल बनाने के लिए न्यू रजिस्ट्रेशन सिस्टम लाने के मकसद से कांसेप्ट नोट बनाया जा रहा है।
इन पर टला फैसला
1.हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी में राहत का फैसला फिलहाल टल गया है। बताया जाता है कि ग्रु ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) के बीच इसे लेकर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद इसे टाल दिया गया।
2.विमान टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमत नहीं बनी। वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन राज्य इसके लिए तैयार नहीं थे। 3.फूड डिलीवरी ऐप पर जीएसटी को टाल दिया गया, इस पर विस्तार से चर्चा की गई, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। होटल और रेस्टोरेंट पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पेट्रोल-डीजल राज्य चाहते हैं अधिकार
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की तरह ही आज एयर फ्यूल को जीएसटी में लाने का राज्यों ने विरोध किया। सभी राज्य इसे अपने टैक्स के दायरे में रखना चाहते है।