उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद में दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचलियों की तुलना रोहिंग्याओं से की थी और कथित तौर पर विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को हटाने की साजिश रची थी। चौधरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और दिल्ली आगे बढ़ रहे हैं और ऐसी जगह जहां पानी, सीवेज के कई मुद्दे हैं, वह (दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल) इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान की आलोचना
उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए पूर्व सीएम केजरीवाल की आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब कोविड-19 था, तो सीएम ने कहा था कि जो भी उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं, उन्हें वापस जाना चाहिए। उन्होंने (आप) उन्हें चिकित्सा सुविधाएं नहीं दीं और लोगों से भरी बसों के साथ, उन्हें हताश होकर यह यात्रा करनी पड़ी। अरविंद केजरीवाल इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को कैसे बसाया जाए। पूर्वांचल के लोग जानते हैं कि आप सरकार ने कोरोना के दौरान उनकी अनदेखी की। अरविंद केजरीवाल ने कल पहले कहा था कि उनकी पार्टी और सरकार मतदाता सूची को हटाने की अनुमति नहीं देगी।
केजरीवाल लोगों से बोली ये बात
केजरीवाल ने पत्रकारों को दिए अपने बयान में कहा, मैं पूर्वांचल के लोगों से कहना चाहता हूं कि हम किसी का नाम नहीं कटने देंगे। हम आपका सम्मान करते हैं और आपको सम्मानजनक जीवन देंगे। अगर भाजपा वाले आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम न बताएं और अपना वोटर आईडी कार्ड न दिखाएं। भाजपा से कोई संपर्क न रखें, हो सकता है कि वे आपका नाम कटवाने के लिए आपसे जानकारी मांग रहे हों।” उन्होंने कहा, “जेपी नड्डा जी ने दो दिन पहले संसद के अंदर पूर्वांचल के लोगों की तुलना रोहिंग्या से की थी।