परिवार की किस्मत बदलने के लिए दिन रात की मेहनत
सावित्री बाई सिसौदिया नामक इस महिला ने हीरे ढूंढने के लिए सरकार से एक खदान का हिस्सा पट्टे पर लिया था। सावित्री बाई पिछले दो सालों से चोपड़ा इलाके की इस निजी खदान में दिन रात मेहनत कर के हीरे की तलाश कर रही थी। वह चिलचिलाती धूप, धूल और गंदगी की परवाह किए बिना, इस पक्के विश्वास के साथ काम कर रही थीं कि उन्हें एक ऐसा हीरा मिलेगा जिससे उनके परिवार की किस्मत बदल जाएगी।
जल्द होगी हीरे की नीलामी
हीरे की जांच करने वाले एक अधिकारी अनूपम सिंह ने बताया कि खुदाई में मिले हीरे का निरिक्षण कर उसे जमा कर दिया गया है। इसके बाद नियम अनुसार उसकी इस हीरे नीलामी की जाएगी। सरकारी रॉयल्टी और टैक्स काटने के बाद नीलामी में मिला पैसा महिला को दे दिया जाएगा।
यह है सरकारी जमीन किराए पर लेने की प्रक्रिया
मध्य प्रदेश की सरकार हर साल लोगों को जमीन के छोटे छोटे हिस्से किराए पर देती है जिससे लोग वहां से खनिज निकाल सकें। हजारों लोग हीरे की तलाश में यह जमीने किराए पर लेते है लेकिन उनमें से बहुत कम को हीरे मिल पाते है। 25×30 फीट की एक जमीन किराए पर लेने के लिए व्यक्ति को एक चालान के माध्यम से 250 से 350 रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है। इसके बाद एक फॉर्म भरा जाता है और फिर डायमंड ऑफिस से एक कांस्टेबल आकर प्लॉट आवंटित कर के उस पर निशान लगाता है और जमीन कुछ समय के लिए आपकी हो जाती है।
हीरा मिलने पर सरकारी कार्यालय में जमा कराना जरुरी
अगर किसी व्यक्ति को जमीन किराए पर लेने के बाद वहां से हीरा मिलता है तो उसे इसकी जानकारी सरकारी हीरा कार्यालय में देनी होती है। इसके बाद कार्यालय उसका मूल्यांकन कर उसे नीलाम करता है और सरकारी रॉयल्टी और टैक्स काट कर उस व्यक्ति को नीलामी में मिला बाकी पैसा दे दिया जाता है।
इससे पहले भी कई मजदूरों को मिल चुके हीरे
सावित्री बाई की तरह ही पहले भी कई मजदूरों को उनकी दिन रात की मेहनत के बदले हीरे मिल चुके है। नंवबर 2024 में दिलीप मिस्त्री नामक एक मजदूर को ऐसे ही जमीन की खुदाई में 7.44 कैरेट का हीरा मिला था। इससे पहले जुलाई 2024 में भी एक अन्य मजदूर को 19.22 कैरेट का हीरा मिला था।