असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जो भी हिंदू धर्म को मिटाने की सोच रखता है, उसका खुद का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
सीएम सरमा ने मुगल शासक औरंगजेब का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने हिंदू धर्म को समाप्त करने की कसम खाई थी, लेकिन इतिहास बताता है कि हिंदू धर्म खत्म नहीं हुआ, बल्कि खुद औरंगजेब का अंत हो गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, आज मैं ममता बनर्जी और राहुल गांधी से कहना चाहूंगा कि अगर वे सोचते हैं कि हिंदू धर्म खत्म हो सकता है, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल होगी। हिंदू धर्म हमेशा था, है और रहेगा।
हिंदू समाज की एकता पर दिया जोर
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि हिंदू समाज जब तक संगठित रहेगा, तब तक कोई भी शक्ति उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उन्होंने हिंदू समाज से आह्वान किया कि वे एकजुट रहें और अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा करें। सरमा ने अपने भाषण में यह भी कहा कि हिंदुओं की कमजोरी का कारण खुद हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज संगठित रहेगा, तो कोई भी बाहरी शक्ति उसे कमजोर नहीं कर सकती।
मुस्लिम वोट बैंक पर साधा निशाना
सीएम सरमा ने मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय अक्सर विकास के आधार पर वोट नहीं देता, बल्कि धर्म के आधार पर मतदान करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इसे बढ़ावा देकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने स्वामी विवेकानंद का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने हमेशा हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने की बात की थी। सरमा ने कहा कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था से ही पूरे समाज का सुधार संभव है। उन्होंने बंगाल की भूमि को नमन करते हुए कहा कि यह भूमि हमें सिखाती है कि हिंदू धर्म में कोई जाति नहीं है, बल्कि सभी एक हैं। उन्होंने कहा, हमने स्वामी प्रदीप्तानंद को स्वामी विवेकानंद सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया है। भारत में जब भी सनातन धर्म पर कोई संकट आया है, लोगों ने आगे बढ़कर इसकी रक्षा की है।
राष्ट्रहित में कार्य करने की अपील
अपने भाषण के अंत में सीएम सरमा ने सभी से अपील की कि वे अपने जीवन को केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित न रखें, बल्कि राष्ट्रहित में भी योगदान दें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति कुछ लेकर नहीं आया और कुछ लेकर नहीं जाएगा, इसलिए अपने परिवार के साथ धर्म और राष्ट्र के लिए कार्य करना ही सच्ची सेवा है।
राजनीतिक गलियारों में मचा बवाल
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने उनके बयान को सांप्रदायिक बताया है, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे हिंदू समाज के उत्थान के लिए जरूरी बताया है। अब देखना यह होगा कि इस बयान पर राहुल गांधी और ममता बनर्जी की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।
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