वाड्रा बोले- राजनीतिक बदले की कार्रवाई
ED दफ्तर पहुंचने पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “मैंने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। ये वही सवाल हैं जो 2019 में भी पूछे गए थे। इसमें कुछ नया नहीं है। यह सरकार की चुनावी रणनीति है, उनकी दुरुपयोग करने की शैली है। हमारे पास इसका सामना करने की ताकत है, और हम ऐसा करेंगे।” वाड्रा ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार देते हुए सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने ED की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और कहा, “यह राजनीतिक प्रतिशोध है। एजेंसियां गलत तरीके से इस्तेमाल हो रही हैं। यह पूरी तरह गलत है। जब एजेंसियां उन नेताओं को निशाना बनाती हैं जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं या जिनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, तो इन संस्थानों पर भरोसा कैसे होगा? क्या बीजेपी का कोई मंत्री या नेता ED के निशाने पर आया है? क्या बीजेपी में सब साफ-सुथरे हैं? क्या उन पर कोई आरोप नहीं हैं? कई आरोप हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती।” राजनीति में आना चाहते हैं रॉबर्ट
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीति में प्रवेश करेंगे, तो व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “निश्चित रूप से… अगर लोग चाहेंगे, तो मैं अपने परिवार के आशीर्वाद के साथ इसमें शामिल होऊंगा… मैं कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत करूंगा… यह (ईडी समन) जारी रहेगा क्योंकि हम आंदोलन करते हैं, हम लोगों के लिए लड़ते हैं, हम अन्याय के खिलाफ हैं और हम लड़ते रहेंगे। इसलिए, यह जारी रहेगा।”
वाड्रा ने यह भी दावा किया कि ED की कार्रवाई तब तेज हुई जब उन्होंने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा, “अगर मैं राजनीति में आना चाहूं, जो लोग चाहते हैं, तो बीजेपी या तो वंशवाद की बात करेगी या ED का दुरुपयोग करेगी। यह परेशानी तब शुरू हुई जब मैंने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ संदेश दिए। इसके अलावा और कुछ नहीं है। जब से मैंने कहा कि लोग चाहते हैं कि मैं राजनीति में आऊं, तब से यह मुश्किलें शुरू हो गई हैं। लेकिन ED के समन का कोई आधार नहीं है।”
वाड्रा ने इस दौरान यह भी जाहिर किया कि वह दबाव या उत्पीड़न से डरने वाले नहीं हैं और इससे वह और मजबूत होकर उभरेंगे। उनकी इस बात से साफ है कि वह अपनी संभावित सियासी पारी को लेकर गंभीर हैं, लेकिन ED की कार्रवाई उनके लिए सबसे बड़ी बाधा बन रही है। यह मामला 2008 के हरियाणा के शिखोहपुर (अब सेक्टर 83) लैंड डील से जुड़ा है, जिसमें वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 3.5 एकड़ जमीन को 7.5 करोड़ रुपये में खरीदा और चार साल बाद इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। इस डील को लेकर बीजेपी ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया था, और अब ED इसकी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है।