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ऑफिस में समोसा-पकौड़ा खाने का है शौक तो सरकार ने आपके लिए ही सभी विभागों को भेजी है चिट्ठी, जानिए क्या लिखा

India obesity: ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में कहा कि भारत में मोटे और अधिक वजन वाले युवाओं की संख्या 2021 में करीब 18 करोड़ थी।

भारतJul 14, 2025 / 07:47 pm

Ashib Khan

कैंटीन में लगेंगे चीनी और वसा की मात्रा के बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड (Photo-Patrika)

भारत में समोसा, पकौड़ा, जलेबी जैसे पारंपरिक नाश्तों का स्वाद हर किसी की जुबान पर चढ़ा होता है। ऑफिस की कैंटीन हो या चाय के साथ नाश्ते की बात, ये व्यंजन कर्मचारियों के बीच खासा लोकप्रिय हैं। देश में मोटापे की बढ़ते मामले और उससे जुड़ी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों से कैंटीन में उपलब्ध खाद्य पदार्थों में चीनी और वसा की मात्रा की जानकारी वाले बोर्ड लगाने को कहा है। 

‘व्यवहारिक प्रेरणा के रूप में काम करेगा बोर्ड’

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव द्वारा सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों को लिखे गए एक पत्र में कहा कि विभिन्न परिस्थितियों में स्वस्थ आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देना ज़रूरी है। ये बोर्ड दृश्य व्यवहारिक प्रेरणा के रूप में काम करते हैं। 

खाद्य पदार्थों में मौजूद तत्वों के बारे में दी जाएगी जानकारी

स्वास्थ्य मंत्रालय के इस निर्देश के अनुसार केंद्रीय संस्थानों की कैंटीन और सार्वजनिक स्थानों पर इन नाश्तों की पैकेजिंग या बिक्री स्थल पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे। इन बोर्डों पर खाद्य पदार्थों में मौजूद तेल, शक्कर और ट्रांस फैट की मात्रा के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि लोग इन्हें खाने से पहले उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझ सकें। 

कितनी वसा और चीनी का करना चाहिए इस्तेमाल

दरअसल, एक व्यक्ति को प्रतिदिन 27 से 30 ग्राम वसा का सेवन करना चाहिए। वहीं युवाओं को प्रतिदिन 25 ग्राम से ज्यादा और बच्चों को 20 ग्राम से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। यह सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट, गुलाब जामुन और फ्लेवर्ड जूस जैसे उत्पादों में चीनी की मात्रा भी दर्शाता है।

भारत में मोटापा एक चुनौती 

बता दें कि भारत में मोटापा एक चुनौती है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में कहा कि भारत में मोटे और अधिक वजन वाले युवाओं की संख्या 2021 में करीब 18 करोड़ थी जो कि 2050 में करीब 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है। इससे भारत दूसरा सबसे अधिक वैश्विक बोझ वाला देश बन जाएगा।

5 में से 1 व्यक्ति मोटापे का शिकार

NICPR, टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज और सिम्‍बायोसिस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक ताजा रिसर्च में मोटापे को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 5 में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है। इस रिसर्च में सामने आया कि करीब 20 प्रतिशत परिवार ऐसे है जिनमें मोटापा पारिवारिक स्थिति बन चुका है। इस रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु, मणिपुर, केरल, सिक्किम और पंजाब जैसे राज्यों में यह मामला ज्यादा मिला है। 

भारत में बढ़े मोटापे से ग्रस्त लोग

द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में भारत में करीब 1.5 करोड़ पुरुष और 2.1 करोड़ महिलाएं मोटोपे से ग्रस्त थे। 2021 तक ये आंकड़ें 8.1 करोड़ पुरुष और 9.8 करोड़ महिलाएं मोटापे से पीड़ित है। 2050 तक 21.8 करोड़ पुरुष और 23.2 करोड़ महिलाएं अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त होने की आशंका है।

मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की बढ़ी संख्या

एक पिछले अध्ययन में यह भी पाया गया है कि भारत में प्रजनन आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं (जिनकी अपने जीवन में कम से कम एक बार शादी हुई हो, भले ही वे वर्तमान में विवाहित न हों) में मोटापा 1998-99 के 5 प्रतिशत से तीन गुना बढ़कर 2019-21 में 16 प्रतिशत हो गया है। चीन में मोटापे की व्यापकता पुरुषों में 9 प्रतिशत और महिलाओं में 10.8 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि अमेरिका में यह पुरुषों में 42 प्रतिशत और महिलाओं में 46 प्रतिशत है।

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