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IMD Monsoon 2025 Update : 16 साल बाद आया बारिश का बवंडर, इन 3 चीजों के लिए बना वरदान

Monsoon 2025 : इस साल कई बड़े वैश्विक और स्थानीय कारणों की वजह से मॉनसून ने जल्दी दस्तक दी।

भारतJun 27, 2025 / 09:47 pm

Ashish Deep

Monsoon 2025

Monsoon 2025 पूरे देश में छा गया है। AI

Monsoon 2025 : भारत में इस साल मॉनसून सीजन समय से 8 दिन पहले पहुंच गया था। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 24 मई को केरल में Monsoon 2025 के आने का ऐलान किया था और हुआ भी वैसा ही। आमतौर पर यह 1 जून के आसपास केरल में आता है। Monsoon 2025 का जल्दी आना खरीफ फसलों के लिए वरदान है। क्योंकि जून से सितंबर तक चलने वाले बारिश के इस मौसम में देश में साल भर में 70% से ज्यादा बारिश होती है। इससे 3 कारकों-खेती, अर्थव्यवस्था और पानी को स्टोर करने पर बड़ा असर पड़ेगा। इससे पहले 2009 में 23 मई को मॉनसून आ गया था।

Monsoon 2025 आने की घोषणा कैसे होती है?

मौसम विभाग कुछ खास मापदंडों के आधार पर तय करता है कि मॉनसून शुरू हो गया है या नहीं। इनमें शामिल हैं :

1- बारिश : केरल और आसपास के 14 मौसम स्टेशनों में से कम से कम 60% पर लगातार दो दिन 2.5 मिमी या उससे ज्यादा बारिश होनी चाहिए।
2- हवा की दिशा और रफ्तार : पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली हवाएं 600 hPa (hectopascals) तक बनी रहनी चाहिए और 925 hPa पर इनकी रफ्तार 15-20 नॉट्स (27-37 किमी/घंटा) होनी चाहिए।
3- OLR यानी आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन : Satellite से मिलने वाले डेटा में ये 200 वॉट/मीटर² से कम होना चाहिए। ये संकेत करता है कि वातावरण में गर्मी पैदा हो रही है, जो मॉनसून के लिए जरूरी है। अगर ये तीनों शर्तें दो दिन तक पूरी होती हैं, तो मौसम विभाग मॉनसून के आगमन की घोषणा करता है।
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इस साल Monsoon 2025 जल्दी क्यों आया?

इस साल कई बड़े वैश्विक और स्थानीय कारणों की वजह से मॉनसून ने जल्दी दस्तक दी:

1- Madden-Julian Oscillation (MJO) : हिंद महासागर में बनने वाला यह सिस्टम बारिश बढ़ाने का काम करता है। इस बार इसका असर अनुकूल रहा।
2- Mascarene High : दक्षिण हिंद महासागर में बना उच्च दबाव क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश लाने में मदद करता है।

3- Convection : वायुमंडल में गर्मी और नमी ऊपर उठने की प्रक्रिया ने भी बारिश को बढ़ावा दिया।
4- Somali Jet : अफ्रीका से उठने वाली तेज हवाओं की पट्टी अरब सागर के रास्ते भारत पहुंची है और Monsoon 2025 को मजबूत बनाया।

5- Heat-low : पाकिस्तान और आसपास के इलाकों में बनेे कम दबाव के क्षेत्र ने Monsoon 2025 की नमी को अपनी ओर खींचा है, जिससे बारिश तेज हुई।
6- Monsoon Trough : बंगाल की खाड़ी में उत्तर से दक्षिण तक फैली एक कम दबाव की रेखा, जो Monsoon 2025 की बारिश को दिशा देती है। साथ ही, मॉनसून onset vortex और pressure gradient जैसे मौसम तंत्रों ने भी इस साल Monsoon 2025 को तेजी से लाने में भूमिका निभाई।

Monsoon 2025 ने किन-किन हिस्सों को कवर किया?

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24 मई को Monsoon 2025 ने एक साथ इन क्षेत्रों में एंट्री मारी और जून बीतते पूरे देश को कवर कर गया है।

1- केरल, लक्षद्वीप, माहे (पुडुचेरी)
2- दक्षिण और मध्य अरब सागर

3- पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी

4- मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र

5- दक्षिण कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, मिजोरम (पूर्वोत्तर)

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कर्नाटक में Monsoon 2025 इस बार 10 दिन पहले पहुंचा। आमतौर पर ये 5 जून तक पहुंचता है। मॉनसून की उत्तरी सीमा (Northern Limit of Monsoon) अब देवगढ़, बेलगावी, हावेरी, मंड्या, धर्मपुरी, चेन्नै, आइज़ोल और कोहिमा तक पहुंच चुकी है। जून में Monsoon 2025 ने देश के अन्य कोनों को टच कर लिया।

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