क्या है पूरा मामला?
घटना फिरोजपुर के खाई फेमे के गांव में शुक्रवार (9 मई, 2025) को हुई। पुलिस और स्थानीय पुलिस की प्रारंभिक जांच फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भूपिंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि
ड्रोन, जो संदिग्ध रूप से पाकिस्तान से आया था, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट किया गया था। इसके मलबे एक घर पर गिरे, जिससे आग लग गई। इस हादसे में सुखविंदर कौर (50) 100% झुलस गईं और उनकी हालत अत्यंत गंभीर थी। उनके पति लखविंदर सिंह (55) को 72% जलन हुई, जबकि उनके भाई मोनू सिंह को भी चोटें आईं। तीनों को तुरंत लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन सुखविंदर कौर को बचाया नहीं जा सका।
परिवार का बुरा हाल, इलाके में तनाव
सुखविंदर कौर के बेटे जसवंत सिंह ने बताया कि उस रात पूरे इलाके में
ब्लैकआउट था और अचानक ड्रोन के गिरने से जोरदार धमाका हुआ। “हम अंधेरे में बैठे थे जब ड्रोन गिरा। मेरी मां पूरी तरह जल गई थीं, और मेरे पिता भी गंभीर रूप से घायल हैं। हमारा जीवन अब कभी पहले जैसा नहीं होगा,” उन्होंने कहा। इस घटना के बाद फिरोजपुर, अमृतसर, और पठानकोट सहित पंजाब के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी है।
भारत-पाकिस्तान तनाव का हिस्सा
यह हमला भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव का हिस्सा है। 7 और 8 मई को पाकिस्तान ने कथित तौर पर 300-400 ड्रोनों के साथ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और राजस्थान में कई स्थानों पर हमले किए थे। भारत ने अपने S-400 वायु रक्षा प्रणाली के जरिए अधिकांश ड्रोनों को नष्ट कर दिया था। यह हमला भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना न केवल सीमा पर बढ़ते खतरे को दर्शाती है, बल्कि ड्रोन हमलों के नागरिकों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभाव को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रोन युद्ध एक नया और खतरनाक मोड़ ले रहा है, जिसके लिए भारत को और मजबूत रक्षा रणनीतियों की जरूरत है। पुलिस और सेना ने क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया है, और सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट और हाई अलर्ट लागू है। इस बीच, सुखविंदर कौर के परिवार और स्थानीय लोगों में गम और गुस्से का माहौल है। यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक और दुखद अध्याय जोड़ती है।