भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को शाम 5 बजे से सीजफायर लागू हो गया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पुष्टि की कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से दोपहर को संपर्क कर दोनों पक्षों ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य गतिविधियां रोकने पर सहमति जताई। यह समझौता भारत की शर्तों पर हुआ, और दोनों देशों के डीजीएमओ 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर बात करेंगे। वहीं बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान पर जोर देना चाहिए कि कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पुरुष पर्यटकों की उनकी पत्नियों के सामने हत्या करने वाले भयानक हत्यारों को कश्मीर स्थित सीआरपीएफ को सौंप दिया जाना चाहिए।
India must insist with Pakistan that the horrible butchers who had killed 26 Hindu male tourists in Pahalgaam in Kashmir, in front of their respective wives, must be handed over to the Kashmir based CrPF .
बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के पोस्ट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक्स पर एक यूजर ने लिखा सर, यह राष्ट्र के लिए एक बहुत बड़ी कूटनीतिक और नैतिक विफलता है? डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में, संप्रभुता से समझौता किया गया है? युद्ध विराम अच्छा है लेकिन किन शर्तों के साथ? पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तानी भूमि पर आतंकवादी शिविरों को वित्तपोषित या अनुमति नहीं देगा?
वहीं एक यूजर ने लिखा कि आप एक आतंकवादी (पाकिस्तान) से दूसरे आतंकवादी (मसूद अजहर, हाफिज सईद) को भारत को सौंपने के लिए कह रहे हैं, जो संभव नहीं है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि सहमत हूं, भारत को इस मांग के बिना सीजफायर पर सहमत नहीं होना चाहिए था।
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- यही वह बिंदु है जिसे हमारी सरकार समझ नहीं पा रही है। एक यूजर ने एक्स पर लिखा- आप यह नहीं समझते कि परम मित्र के खिलाफ अमेरिका में मामले चल रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा- हां नरेंद्र मोदी को अब पहलगाम की जांच करनी चाहिए, एनआईए को यह जानकारी जुटानी चाहिए कि किसने क्या किया और हमें और दुनिया को यह बताना चाहिए कि यह कैसे किया गया और फिर उन लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए।