दुश्मन के ऊपर उड़कर हमला करेगा नागास्त्र-1R
यह सिस्टम पूरी तरह देश में बना है। इसमें 80 फीसदी से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया। इसमें कई सेंसर लगे हैं। इससे रात में भी ऑपरेशन संभव है। यह हवा में घात लगाकर हमला करता है। दुश्मन के इलाके में पहुंचने के बाद यह लक्ष्य के ऊपर हवा में मंडराता है और मौका मिलते ही सटीक निशाना लगाकर दुश्मन को खत्म कर सकता है। अगर हमला रद्द करना हो तो इसे वापस बुलाया जा सकता है। यानी यह दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
360 डिग्री जिम्बल कैमरा
नागास्त्र-1 में 360 डिग्री जिम्बल कैमरा लगा है। यह हर दिशा में नजर रख सकता है। इसमें थर्मल कैमरे लगाने का विकल्प है। इससे रात को या कम रोशनी में भी दुश्मन पर नजर रखी जा सकती है। यह विदेशी हथियारों की तुलना में सस्ता और ज्यादा भरोसेमंद है।
रात में भी दुश्मन पर नजर रखने में सक्षम
नागास्त्र-1 में 360 डिग्री जिम्बल कैमरा लगा है। यह हर दिशा में नजर रख सकता है। इसमें थर्मल कैमरे लगाने का विकल्प है। इससे रात को या कम रोशनी में भी दुश्मन पर नजर रखी जा सकती है। यह विदेशी हथियारों की तुलना में सस्ता और ज्यादा भरोसेमंद है। कई दूसरे देशों में बने ऐसे हथियारों में हमला रोकने की सुविधा का अभाव है। 4,500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान
नागास्त्र-1 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन के रडार से बच निकलता है। यह 4,500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ सकता है। इस इलेक्ट्रिक यूएवी की ‘मैन-इन-लूप’ रेंज 15 किलोमीटर है। ऑटोनोमस मोड में इसे 30 किलोमीटर तक ऑपरेट किया जा सकता है। यह 60 मिनट लगातार हवा में रह सकता है। यानी यह एक घंटे तक दुश्मन के इलाके में मंडरा सकता है। नागास्त्र-1 जीपीएस आधारित तकनीक से लैस है। इससे यह सटीक हमला कर सकता है।