कांग्रेस ने दिए PM Modi को अधिकार
प्रधानमंत्री को पता होना चाहिए कि कांग्रेस ने ही उन्हें सभी अधिकार दिए हैं। संविधान के साथ, राष्ट्रीय ध्वज के साथ, राष्ट्रगान के साथ और स्वतंत्रता के साथ। इसीलिए, जब उन्हें स्वतंत्रता दी गई और लोकतंत्र दिया गया, तो अब वह इस देश के प्रधानमंत्री हैं। अगर संविधान नहीं होता तो वह इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाते।
PM ने पेश किए प्रतिज्ञाएँ
पीएम मोदी द्वारा पेश किए गए 11 वादों पर बोलते हुए शिवकुमार ने कहा, “देखते हैं। आइए इस देश के लिए सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें।” मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया और उस पर संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया तथा भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ग्यारह प्रतिज्ञाएँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए तथा देश की राजनीति को “परिवारवाद” से मुक्त होना चाहिए।
गरीबी हटाओ को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष
संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू गांधी परिवार का बार-बार जिक्र किया तथा इसके नेताओं की हर पीढ़ी पर संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने लगातार संविधान का अनादर किया है। इसने इसके महत्व को कम करने का प्रयास किया है। कांग्रेस का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है।” उन्होंने कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे को लेकर “सबसे बड़ा जुमला” कटाक्ष किया तथा कहा कि उनकी सरकार का मिशन गरीबों को उनकी कठिनाइयों से मुक्त करना है।
क्या बोले PM?
प्रधानमंत्री ने कहा, “यदि हम अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो हमें विकास करने से कोई नहीं रोक सकता।” आपातकाल के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश को जेल में बदल दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए तथा प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि 1947 से 1952 तक भारत में कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी, बल्कि एक अस्थायी, चुनी हुई सरकार थी, जिसमें कोई चुनाव नहीं होते थे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1952 से पहले, राज्यसभा का गठन नहीं हुआ था, और राज्य में कोई चुनाव नहीं हुए थे, जिसका अर्थ है कि लोगों का कोई जनादेश नहीं था। संविधान के 75 साल पूरे होने पर दो दिवसीय बहस शुक्रवार को लोकसभा में शुरू हुई।