script15 चेक प्वाइंट, जगह जगह CCTV, थाईलैंड के फूलों से होती है इस इस मां की पूजा, जानें कहां है ये मंदिर | Maa Mundeshwari Dham of Kaimur in Bihar, decoration of special flowers come from Thailand | Patrika News
राष्ट्रीय

15 चेक प्वाइंट, जगह जगह CCTV, थाईलैंड के फूलों से होती है इस इस मां की पूजा, जानें कहां है ये मंदिर

Chaitra Navratri 2025: कैमूर में भगवानपुर प्रखंड में मां मुंडेश्वरी धाम है। यह मंदिर 600 फीट ऊंची पहाड़ी पर है और इसे विश्व का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। मंदिर को सजाने के लिए थाईलैंड से फूल मंगाए जाते हैं।

पटनाMar 30, 2025 / 04:36 pm

Shaitan Prajapat

Maa Mundeshwari Dham: चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए है और रविवार आज पहला दिन है। देशभर में माता रानी के मंदिरों भक्तों का तांता लगा हुआ है। बिहार के कैमूर जिले में भगवानपुर प्रखंड के पवरा पहाड़ी पर स्थित मां मुंडेश्वरी धाम में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन और पूजन के लिए आ रहे है। यह मंदिर 600 फीट ऊंची पहाड़ी पर है और इसे विश्व का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। नवरात्रि के सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर होने वाली निशा पूजा के लिए मंदिर को सजाने के लिए थाईलैंड और बैंकॉक से फूल मंगाए जाते हैं।

15 चेक प्वाइंट, जगह जगह CCTV,

मां के इस मंदिर में सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ मंदिर प्रशासन की टीम तैनात है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 15 चेकपॉइंट बनाए गए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और हेल्पलाइन सेंटर बनाए गए है। ताकि श्रद्धालुओं को जाम या किसी परेशानी का सामना नहीं हो।

मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग भी है स्थापित

मंदिर अष्टकोणीय है और श्री यंत्र के आकार में बना है। यहां मां वाराही रूप में विराजमान हैं, जिनका वाहन भैंसा है। मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग भी स्थापित है, जिसका रंग सूर्य की स्थिति के साथ बदलता है।
यह भी पढ़ें

बेरोजगार युवा सावधान! 400 युवकों को नौकरी के नाम बुलाकर बनाया बंधक बनाया, फिर किया ये काम


माता के श्रृंगार के लिए थाईलैंड से आते हैं फूल

मां मुंडेश्वरी धार्मिक न्यास परिषद के सचिव अशोक सिंह का कहना है कि यह देश का सबसे पुराना मंदिर है, जो 526 ईसा पूर्व से है। ऐसा कहा जाता है कि मां ने यहां मुंड नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे मुंडेश्वरी कहा जाता है। नवरात्रि में सप्तमी, अष्टमी और नवमी को मंदिर की भव्य सजावट होती है। पिछले 10 साल से हम थाईलैंड और बैंकॉक से फूल मंगाते हैं। सुबह से हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचे हैं।
यह भी पढ़ें

Train Accident: ओडिशा में बड़ा रेल हादसा, कामाख्या एक्सप्रेस की 11 बोगियां पटरी से उतरीं


अनोखी बलि प्रथा

मुंडेश्वरी धाम की खासियत है इसकी अनोखी बलि प्रथा। यहां बकरे को काटे बगैर बलि दी जाती है। रक्तहीन बलि की यह प्रथा विश्व में कहीं और नहीं देखी जाती। इसके बारे में पुजारी राधेश्याम झा का कहना है कि लोग मन्नत मांगते हैं और पूरी होने पर बकरे की बलि चढ़ाते हैं। अक्षत मारने से बकरा बेहोश हो जाता है और बाद में होश में आता है। देश-विदेश से भक्त यहां आते हैं।

Hindi News / National News / 15 चेक प्वाइंट, जगह जगह CCTV, थाईलैंड के फूलों से होती है इस इस मां की पूजा, जानें कहां है ये मंदिर

ट्रेंडिंग वीडियो