आगामी शाही स्नानों की लिस्ट
महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है, जो हर 12 साल में भारत के चार स्थानों (प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक) में से एक स्थान पर आयोजित किया जाता है। महाकुंभ 2025, जिसे पूर्ण कुंभ भी कहा जाता है 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। मकर संक्रांति की पहली शाही स्नान 14 जनवरी को हो चुका है अब अगली प्रमुख स्नान तिथियों में 29 जनवरी (मौनी अमावस्या – दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी – तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) शामिल हैं। और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) शामिल हैं।
1,800 से ज्यादा कैमरे कर रहे निगरानी
महाकुंभ मेला प्रशासन ने परिसर में 1,800 से ज्यादा कैमरे लगवाए हैं। इनमें से कई कैमरे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लैस है। ये कैमरे भीड़ के घनत्व का विश्लेषण कर लोगों की संख्या बताते हैं। बता दें कि यह कैमरे आने-जाने के रास्तों, घाटों, प्रवेश और निकास बिंदुओं पर रणनीतिक रूप से लगाए गए हैं। कैमरों के साथ ड्रोन भी ऊपर से तस्वीरें लेते हैं, जिनका एक केंद्रीय मूल्यांकन टीम विश्लेषण करती है। इसी के आधार पर भीड़ की संख्या का अनुमान लगाया जाता है। भीड़ प्रबंधन के लिए मेला परिसर में एक नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। नियंत्रण केंद्र में तैनात पुलिस अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञों AI संचालित एल्गोरिदम से वास्तविक समय के डेटा की जानकारी लगातार मिलती रहती है। ये भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: महाकुंभ में लगाने जा रहे डुबकी तो इस खबर पर जरूर करें क्लिक, ट्रेन टाइमिंग से लेकर शाही स्नान तक यहां मिलेंगी सारी जानकारियां कैमरे ऐसे लगाते हैं भीड़ का अनुमान
AI से लैस ये कैमरे 360 डिग्री पर फोटो लेते हैं।
पूरे महाकुंभ मेला परिसर में इस तरह के करीब 1,100 स्थायी और 744 अस्थायी कैमरे लगे हुए हैं। साथ ही ड्रोन कैमरों के आधार पर पूरे परिसर का डेटा निकाला जाता है। इसके अलावा मोबाइल एप्लिकेशन भी परिसर में सक्रिय मोबाइलों की संख्या पता करती है। इससे भी लोगों की संख्या का अनुमान लगाया जाता है। साथ ही अगर मेले के किसी हिस्से में भीड़ असामान्य तरीके से बढ़ती है तो तुरंत अलर्ट जारी किए जाते हैं। इससे भीड़ की वजह से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सके।