एकमात्र उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया था नामांकन
बता दें कि सामल ने ओडिशा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था। इसी तरह सामल चौथी बार प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उन्हें बधाई दी है। इसके साथ, उन्हें अनुभवी राजनेता भी बताया है। उन्होंने कहा कि सामल का नेतृत्व हमेशा भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संगठन और सरकार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से ‘विकसित ओडिशा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक यूनिट के रूप में काम करने का आह्वान किया।
सामल के कार्यकाल में ही अब तक ओडिशा में भाजपा को मिली बड़ी सफलता
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सामल के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में ही भाजपा ने अब तक ओडिशा में सरकार बनाई है। साल 2000 और साल 2004 में भी बीजद के साथ गठबंधन करके भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई थी। तब भी सामल ही प्रदेश अध्यक्ष थे। वहीं, साल 2024 में अपने दम पर ओडिशा में अकेले भाजपा को जीत दिलाई। एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में भी सामल काम कर चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। इस बीच, अपने भाषण में सामल ने उन पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने राज्य में भाजपा को सरकार बनाने में मदद की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से 1980 के दशक में साइनबोर्ड पार्टी के रूप में उपहास की जाने वाली पार्टी ने 2024 में सरकार बनाई है।
उन्होंने कहा कि एक सामान्य कार्यकर्ता पार्टी में शीर्ष पद संभाल सकता है। सामल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ओडिशा के लोगों से की गई प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करने का आग्रह किया। ऐसा कहा जा रहा है की पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने 2024 में आजादी के बाद पहली बार ओडिशा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत में उनकी शानदार भूमिका को लेकर सामल को फिर से बड़ी जिम्मेदारी दी है।
1999 से 2001 तक भी रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
सामल ने इससे पहले 1999 से 2000 और 2001 से 2004 तक दो बार ओडिशा भाजपा के अध्यक्ष का पद संभाला था। वरिष्ठ भाजपा नेता को 2024 के आम चुनावों से पहले मार्च 2023 में फिर से राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।