भारत के खुद के कंधों पर प्रवासियों को वापस लाने की जिम्मेदारी
रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमरीका एक ‘ब्रिज अरेंजमेंट’ के तहत पनामा और कोस्टारिका के लिए निर्वासन उड़ानें संचालित कर रहा है, जिसके तहत मध्य अमेरिकी राष्ट्र निर्वासित लोगों के लिए एक मध्यस्थ देश के रूप में सेवा देने के लिए सहमत हुए हैं। इस सारे ऑपरेशन का खर्च अमेरिका उठाएगा। माना जा रहा है कि अब अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने वाले प्रवासियों की उड़ानें भारत आने के बजाए इन्हीं मध्य अमेरिकी देशों में जाएंगी और इसके बाद भारत को अपने प्रवासियों को पहचानने और उन्हें लाने का प्रबंध खुद करना होगा। जायसवाल ने कहा कि भारतीय पक्ष को अभी तक आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कोस्टारिका से किसी भारतीय निर्वासन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
बेड़ियां लगाने पर हो गया था विवाद
गौरतलब है कि भारत में बेड़ियों में जकड़कर भेजे जा रहे भारतीयों को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद भारतीय पक्ष ने अमेरिका को निर्वासित लोगों के साथ किए जा रहे आचरण के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उनके साथ मानवीय व्यवहार करने का आह्वान किया है। जायसवाल ने कहा कि 15 और 16 फरवरी को दो अमरीकी सैन्य उड़ानों से निर्वासित महिलाओं और बच्चों को किसी भी तरह की बेड़ियां नहीं लगाई गई थीं।
निर्वासित किए गए लोगों के संपर्क में भारत
पनामा में भारतीय दूतावास भारतीय निर्वासितों की पहचान सत्यापित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। एक बार जब हम निश्चित हो जाएंगे कि वे भारतीय नागरिक हैं तो उनके घर लौटने की व्यवस्था की जाएगी। पनामा भेजे गए लोगों को एक होटल में रखा गया है और उनकी राष्ट्रीयता स्थापित होने के बाद उन्हें दस्तावेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे। – रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता