उम्रकैद की सजा को रखा था बरकरार
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सजा के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है और न्यायिक प्रक्रिया पूरी तरह से उचित रही है। बता दें कि 4 अक्टूबर 2024 को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। वहीं सूरजभान सहित अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
SC में पुनर्विचार याचिका की दाखिल
हालांकि मुन्ना शुक्ला और अन्य ने इस फैसले के बाद SC में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और इसे खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने किया था बरी
बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहार प्रसाद की हत्या के बाद इस मामले में 2009 में निचली अदालत ने बाहुबली सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पटना हाईकोर्ट ने 2014 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। लेकिन बाद में पूर्व मंत्री बृजबिहार की पत्नी और केंद्रीय सीबीआई ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कैसे हुई थी मंत्री बृजबिहारी की हत्या?
बिहार के नेता बृजबिहारी प्रसाद की 1998 में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय बृजबिहार प्रसाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और उन पर पर इंजनियरिंग एडमिशन में घोटाले का आरोप लगा था। जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं अस्पताल में टहलने के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।