गुप्त तरीके से NRC लागू करने की कोशिश
AIMIM चीफ व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीके से NRC लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब नागरिकों को दस्तावेज के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुए थे। उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके मां-पिता कहां पैदा हुए थे। ओवैसी ने कहा कि सीमांचल के इलाके में बाढ़ की समस्या है। वहां गरीबी बहुत है। लोग बड़ी मुश्किल से दो जून की रोटी जुटा पाते हैं। ऐसें में उनसे यह अपेक्षा करना कि उनके पास कागजात होंगे, यह एक क्रूर मजाक है। निर्वाचन आयोग के इस कदम के चलते बड़ी संख्या में गरीब वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में ही ऐसी मनमानी प्रक्रियाओं पर सख्त सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस कदम से संस्थान पर भरोसा कम होगा।
चुनाव आयोग व भाजपा पर हमलावर हुए तेजस्वी
राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह पूरी कवायद NDA की साजिश है। मतदाता सर्वे का मकसद गरीब, वंचित और शोषित वर्ग को वोटर लिस्ट से दूर करना है। उन्होंने कहा कि जब 2003 में मतदाता सूची बनी थी, तो उसे तैयार करने में पूरे 2 साल लगे थे, लेकिन बिहार में चुनाव आयोग यह पूरी प्रक्रिया को 25 दिनों में पूरा करने की बात कर रहा है। यह बात संदेह पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि RSS नेता दत्तात्रेय होसबाले संविधान बदलने की बात कहते हैं। यह सारी प्रक्रिया संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया केवल बिहार में क्यों की जा रही है? क्या देश के बाकी राज्यों को इसकी जरूरत नहीं है? तेजस्वी ने कहा कि यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि बिहार को निशाना बनाने की यह सोची-समझी रणनीति हैं। यहां 8 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। लगभग 60 फीसदी लोगों को अब अपनी नागरिकता साबित करनी पडे़गी।
बंगाल के लिए बिहार से कवायद शुरू
टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण अभी क्यों की जा रही है? उन्होंने दावा किया कि TMC के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि यह सब इसलिए शुरू किया जा रहा है क्योंकि आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सर्वे में सिर्फ 46 से 49 सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है।
कांग्रेस ने इसे बताया डाका
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि बिहार के लोगों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले साजिशन मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। इसमें लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा।