मेरा बाप चारा चोर है!
पटना में सड़कों पर मेरा बाप चारा चोर है के पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) को भैंस पर बैठाया हुआ दिखाया गया है। तेजस्वी इस पोस्टर में राजद (RJD) का चुनाव चिन्ह लालटेन थामे हुए दिख रहे हैं। नेशनल दामादवादी अलायंस
राजद ने पोस्टर वार छेड़ते हुए NDA (National Democratic Alliance) यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को नेशनल दामादवादी अलायंस करार दिया है। पोस्टर के जरिए राजद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi), सीएम नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान दामादवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक पोस्टर में चिराग पासवान हनुमान की तरह सीना फाड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं। चिराग के दिल में पीएम मोदी को दिखाया गया है। विपक्ष ने इस पोस्टर के जरिए तंज कसते हुए कहा कि बिहार फर्स्ट की जगह जीजा जी फर्स्ट है। वहीं, मांझी और अशोक चौधरी को लेकर कहा कि हिम्मत दामाद फर्स्ट, वह भी RSS के कोटे से।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद संजय झा पर तंज कसते कहा गया कि उन्होंने अपने परिवार के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के पैनल में एडवोकेट बनवाकर ‘परिवारवाद’ को बढ़ावा दिया। पोस्टर में लिखा गया कि इन्होंने क्या दिया बिहार को? सब कुछ दिया अपने परिवार को।
पॉकेटमार पीएम नहीं चाहिए
पीएम मोदी के बिहार दौरे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा था कि बिहार के लोगों को पॉकेटमार प्रधानमंत्री और अचेत मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कुछ नहीं आता है। वो टेलीप्रॉम्पटर देखकर अपना भाषण देते हैं। पीएम मोदी से तेजस्वी यादव ने पूछा कि पीएम सिवान आए थे, लेकिन वे ये बताएं कि उन्होंने अभी तक सीवान को क्या दिया? पीएम वही पुराना घिसा-पिटा भाषण देकर चले गए।
रेल कारखानों का पूरा क्रेडिट लालू को दिया
तेजस्वी ने एक्स पर लिखा कि बिहार से इतने रेल मंत्री हुए, लेकिन कोई भी लालू यादव की तरह बिहार में रेल फैक्ट्रियां लगाने की दूरदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठता दिखा नहीं सका। लालू ने बिहार को रेल फैक्ट्रियां दी, आज रेल फैक्ट्रियों से लोकोमोटिव इंजन बनकर दुनिया भर में निर्यात होने को तैयार हैं। अफ्रीकी देश गिनी में निर्यात के लिए जा रहे हैं। लालू यादव के कारण बिहार में नौकरियां और रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए।
सिवान में बने रेल इंजन हुए एक्सपोर्ट
रेल फैक्टरी की स्थापना 2015 में की गई थी। सिवान स्थित मढ़ौरा रेल कारखाने से पहला लोकोमोटिव इंजन 2018 में आपूर्ति किया गया था। यह संयंत्र अब तक 729 शक्तिशाली डीजल इंजन बना चुका है। इनमें 4500 एचपी के 545 और 6000 एचपी के 184 इंजन शामिल हैं। गिनी की सरकार ने 100 इंजनों की खरीद का डील की है। रेल फैक्ट्री PPP मॉडल के तहत स्थापित की गई है।