शिवकुमार की रणनीति इतिहास में दर्ज
रामनगर में रविवार को संवाददाताओं से बात करते हुए इकबाल ने कहा कि सभी जानते हैं कि सत्ता में आने से पहले राज्य में कांग्रेस की क्या ताकत थी। हर कोई जानता है कि कांग्रेस की जीत के लिए किसने संघर्ष किया, पसीना बहाया, प्रयास किया और रुचि दिखाई। शिवकुमार की रणनीति और उनके कार्यक्रम अब इतिहास में दर्ज हो चुके हैं। हाईकमान स्थिति से अवगत
उन्होंने कहा कि अटकलों में विश्वास नहीं करते। उन्हें पूरा भरोसा है कि पार्टी हाईकमान स्थिति से अवगत हैं और सही समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार जो राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, इस साल सीएम बनेंगे? हुसैन ने कहा कि हां। उन्हें मालूम है कि वह सीएम बनेंगे। दो से तीन महीने के भीतर ही निर्णय ले लिया जाएगा। वह घुमा-फिराकर बात नहीं कर रहे हैं। सीधी बात कह रहे हैं। जो नेता सितंबर तक की तारीख दे रहे हैं, वह बेबुनियाद बातें कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के बेटे व विधान पार्षद यतींद्र सिद्धरामय्या ने मुख्यमंत्री बदलने की बात को सिर्फ अटकलबाजी करार दिया है, हुसैन ने कहा कि जब पार्टी हाईकमान ने 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने का फैसला किया था, तब वह भी दिल्ली में थे। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने तब भी फैसला किया और अब भी वही लोग फैसला करेंगे। बस देखें और इंतजार करें।
योग्य व्यक्ति को पद पर बैठाना क्रांति नहीं
मत्री के.एन. राजण्णा के क्रांतिकारी राजनीतिक बदलावों की टिप्पणियों पर हुसैन ने कहा कि योग्य व्यक्ति को पद पर बैठाना क्रांति नहीं कहा जा सकता। राजनीति में बदलाव आम बात है। जब समय आएगा, तो पार्टी प्रमुख तय करेगा कि किसे जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अनुशासन और प्रतिबद्धता है और हर कोई इसका पालन करता है। अलग-अलग समुदायों के लोगों ने पार्टी के लिए काम किया है और उन्होंने इसके लिए बलिदान दिया है। अगर आज की स्थिति में सिर्फ बदलाव की उम्मीद है और यह बदलाव होगा तो उसे क्रांति नहीं कहा जा सकता।
पूरे पांच साल सीएम रहेंगे सिद्धरामय्या: यतींद्र
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री के बेटे व विधान पार्षद यतींद्र सिद्धरामय्या ने कहा कि उनके पिता व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को कांग्रेस आलाकमान के साथ-साथ पार्टी विधायकों का पूरा समर्थन प्राप्त है। सरकार बहुत सुचारू रूप से काम कर रही है और इसमें कोई बाधा नहीं है। कांग्रेस आलाकमान ने न तो नेतृत्व परिवर्तन की बात कही है और न ही ऐसा कोई संकेत दिया है। इसलिए सिद्धरामय्या पूरे पांच साल तक पद पर बने रहेंगे। मंत्री के.एन. राजण्णा की टिप्पणियों पर यतींद्र कहा, केवल मंत्री ही अपने बयान के संदर्भ को स्पष्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही ऐसी अफवाहें फैल रही हैं। शुरू से ही चर्चा थी कि सिद्धरामय्या को छह महीने के भीतर हटा दिया जाएगा। बाद में कहा गया कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले के प्रकाश में आने के बाद उन्हें बदल दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यतींद्र ने अटकलों को कमतर आंकते हुए इसे राजनीति में आम बात बताया।
उन्होंने कहा, लोग नेतृत्व परिवर्तन के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन ऐसा न तो कुछ हुआ है और न ही भविष्य में होगा। बार-बार होने वाली ऐसी अफवाहों के लिए पार्टी के भीतर के वे समूह जिम्मेदार हैं जो अपने उम्मीदवारों को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। ये समूह ऐसी बातें फैलाते रहेंगे, लेकिन जब से यह सरकार सत्ता में आई है, हाईकमान ने अपना पूरा समर्थन दिया है और ऐसा करना जारी रखा है। विधायक भी उनके पिता के साथ मजबूती से खड़े हैं। राजण्णा के इस दावे पर कि कांग्रेस के भीतर तीन से चार गुट हैं, यतींद्र ने कहा कि इसके बारे में मंत्री ही बताएंगे कि ऐसा बयान क्यों दिया। उन्हें ऐसे किसी गुट के बारे में जानकारी नहीं है। जहां तक उन्हें पता है, सरकार सुचारू रूप से काम कर रही है।