कपिल सिब्बल ने जामा मस्जिद का मुद्दा भी उठाया। सीजेआइ ने कहा कि जामा मस्जिद समेत सभी प्राचीन स्मारक संरक्षित रहेंगे। इस बारे में कानून आपके पक्ष में है।
सिब्बल ने राम मंदिर का किया जिक्र
कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि ‘वक्फ बाय यूजरÓ प्रावधान को समाप्त करने से धार्मिक प्रथा के मूल पर आघात हुआ है। उन्होंने कहा, यह मेरे धर्म का अभिन्न अंग है, इसे राम जन्मभूमि फैसले में मान्यता दी गई है। समस्या यह है कि वे कहेंगे कि वक्फ 3000 साल पहले बनाया गया है, तो वे दस्तावेज मांगेंगे।‘पुरानी मस्जिद के कागजात नहीं तो…’, Waqf Act पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगी सफाई
इन्होंने दायर की याचिकाएंवक्फ कानून के खिलाफ ये याचिकाएं एआइएमआइएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली के आप विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी और मोहम्मद फजलुर्रहीम सहित कई लोगों और संगठनों की ओर से दायर की गई हैं।
पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि इस मामले में उसके सामने दो सवाल हैं, पहला- क्या उसे मामले की सुनवाई करनी चाहिए या इसे हाईकोर्ट को सौंप देना चाहिए और दूसरा- वकील किन बिंदुओं पर बहस करना चाहते हैं। इसके बाद याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि नए कानून में कई खामियां हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।
पीठ ने उठाए तीन सवाल
वक्फ बाय यूजर पर मांगा जवाबपीठ ने नए कानून में ‘वक्फ बाय यूजरÓ (संपत्ति जो लंबे समय से धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रही है। भले ही उसके कागजात पूरे न हों) प्रावधान को हटाने पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। सीजेआइ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, वक्फ बाई यूजर क्यों हटाया गया?
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी ज्यादातर मस्जिदों के पास सेल डीड नहीं होंगे। ऐसे में, उन्हें कैसे रजिस्टर किया जाएगा? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इसे रजिस्टर करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा?
कोर्ट ने वक्फ बोर्डों और सेंट्रल वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी सवाल उठाया। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक न्यासों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है?