script‘मुस्लिम मन’ जीतेंगे मोदी, 32 लाख परिवारों को ईदी बांट रही बीजेपी | What is Saugat-e-Modi campaign, BJP is going to play 32-32-32 masterstroke for Bihar elections | Patrika News
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‘मुस्लिम मन’ जीतेंगे मोदी, 32 लाख परिवारों को ईदी बांट रही बीजेपी

Bihar Politics: भाजपा के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ मुसलमानों के लिए सौगात-ए-मोदी जैसे कार्यक्रम को मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बनाकर समर्थन हासिल करने का प्रयास माना जा रहा है। पढ़ें नवनीत मिश्र की रिपोर्ट…

पटनाMar 26, 2025 / 07:34 am

Ashib Khan

दिल्ली मेट्रो में एक सफर के दौरान की यह तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट की थी। (फाइल फोटो)

Bihar Election: देश के आम गरीब मुसलमानों का दिल जीतने के लिए बीजेपी घर-घर ईदी बांटने जा रही है। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मंगलवार को दिल्ली से देशव्यापी अभियान की शुरुआत की। पार्टी 32 लाख मुस्लिम परिवारों को सौगात-ए-मोदी किट बांटेगी। इसमें सेंवई आदि खाने-पीने के सामान और कपड़े शामिल होंगे। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू पार्टी के इस अभियान के मायने तलाशे जा रहे हैं। यों तो सोशल मीडिया पर भाजपा के कोर वोटर्स का एक वर्ग इस अभियान की आलोचना कर रहा है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनिंदा घटनाओं के बहाने खास वर्ग विशेष को अलगाववाद की राह पर ले जाने की कोशिशों का ‘सबका साथ-सबका विकास’ की मुहिम से काउंटर हो सकता है। भाजपा और मोदी के लिए देश हित सबसे बड़ा एजेंडा है।

32 हजार मस्जिद-मदरसे करेंगे सहयोग

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने देश की 32 हजार मस्जिद-मदरसों को इस अभियान से जोड़ा है। हर मस्जिद या मदरसे की ओर से गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों की लिस्ट तैयार होगी जिन्हें सौगात-ए-मोदी किट बांटी जाएगी। इसके लिए अल्पसंख्यक मोर्चा के 32 हजार पदाधिकारी लगाए गए हैं। एक पदाधिकारी को कम से कम 100 परिवारों तक मोदी का गिफ्ट बांटने की जिम्मेदारी मिली है। जिला स्तर पर ईद मिलन समारोह भी आयोजित होंगे।

पहली बार लुभाने का ठोस प्रयास

माना जाता है कि हिंदुवाद की राजनीति करती आई भाजपा ने पिछले 11 साल के मोदी राज में तुष्टीकरण नहीं करने के नाम पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया है। भाजपा की नीतियों को विरोधी दल मुस्लिम विरोधी बताते रहे हैं। भाजपा के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ मुसलमानों के लिए सौगात-ए-मोदी जैसे कार्यक्रम को मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बनाकर समर्थन हासिल करने का प्रयास माना जा रहा है।

संघ का इशारा, मस्जिदों के दौरे से भागवत-मोदी के संकेत

पिछले कुछ समय से भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मुसलमानों के प्रति बयानों में नरमी दिखा कर इशारा किया है। संघ कह चुका है कि जो भारत भूमि को अपना मानता है वह अपना है, हिंदू ही है। मुसलमानों के प्रति भाजपा के रवैये में बदलाव कर सौगात-ए-मोदी जैसी योजना को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। वैसे पिछले कुछ समय में नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत मस्जिदों के दौरे कर यह धारणा तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं कि भाजपा या उनकी सरकार किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि कट्टरता के खिलाफ है।

PM मोदी ने किया था सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा

पीएम मोदी ने पिछले साल सितंबर में ब्रुनेई दौरे पर राजधानी बंदर सेरी बेगवान में ऐतिहासिक सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया था तो उससे पहले 2023 में मिस्र की अल-हाकिम मस्जिद भी वे जा चुके हैं। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 2022 में दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्थित कस्तूरबा गांधी मार्ग की मस्जिद जाकर वहां के इमाम और ऑल मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइज़ेशन के मुखिया उमेर अहमद इलियासी से भेंट कर चुके हैं। बाद में उमेर अहमद ने मीडिया से भागवत को राष्ट्रपति करार देते हुए धार्मिक सद्भाव के प्रयासों की सराहना की थी।

बोहरा और पसमांदा को साधती रही है भाजपा

पीएम मोदी कह चुके हैं कि वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों को तबाह कर दिया है। उनकी अपील पर भाजपा आर्थिक रूप से पिछड़े पसमांदा समाज में व्यापक जनसंपर्क का अभियान चला चुकी है। इसके अलावा दाउदी बोहरा समुदाय के मुस्लिमों से भी भाजपा जुड़ने की कोशिश करती रही है। प्रधानमंत्री मोदी जहां फरवरी 2023 में मुंबई में बोहरा मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में भाग लिए थे, वहीं 2018 में वे इंदौर भी इसी समुदाय के कार्यक्रम में जा चुके हैं। गुजरात और महाराष्ट्र् में बोहरा समुदाय की आबादी ज्यादा है। इसके अलावा मोदी पिछले दिनों उदार एवं समन्वयवादी माने जाने वाले सूफी संप्रदाय के कार्यक्रम में भी शरीक हुए थे।
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मुस्लिमों को लेकर संघ प्रमुख भागवत के दो चर्चित बयान

– संघ के लिए कोई पराया नहीं है। मुस्लिम भी हमसे अलग नहीं हैं, वह भी हमारे हैं। यह देश जितना हमारा है उतना ही उनका है।
– सभी भारतीयों का डीएनए एक है, पूजा पद्धति के आधार उनमें अंतर नहीं किया जा सकता।

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100 सीटों पर मुस्लिम मतदाता प्रभावी

देश में लोकसभा की करीब 100 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की प्रभावी मौजूदगी है। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल में अनेक सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित होते हैं। यूपी-बिहार, राजस्थान सहित 18 राज्यों में पसमांदा मुस्लिमों की अधिक आबादी है वहीं देश की कुल मुस्लिम आबादी में 10 प्रतिशत दाऊदी बोहरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
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मजबूत होगी गंगा जमुनी तहजीब – सिद्दीकी

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि जरूरतमंदों को सौगात-ए-मोदी किट वितरित करने से गंगा-जमुनी तहजीब और मजबूत होगी। मुस्लिम ही नहीं बल्कि ईसाई, पारसी आदि अल्पसंख्यकों को भी उनके त्यौहारों पर मोर्चा इस तरह का उपहार वितरित करेगा।

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