दो साल बाद फिर साथ आए BJP और AIADMK
AIADMK और BJP के बीच यह गठबंधन लगभग दो साल बाद फिर से बहाल हुआ है। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों दलों के संबंधों में दरार आ गई थी और उन्होंने अलग-अलग राह चुन ली थी। लेकिन हालिया राजनीतिक समीकरणों और लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन ने दोनों दलों को फिर से करीब ला दिया। हाल ही में AIADMK प्रमुख एडप्पादी पलानीस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद से दोनों दलों के बीच बातचीत का सिलसिला तेज हुआ। अमित शाह के बयान ने अब इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी का नहीं खुला था खाता
2024 के लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में BJP और AIADMK दोनों को करारी हार का सामना करना पड़ा। राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से एक भी सीट इन दोनों दलों के हिस्से में नहीं आई। जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन ने सभी सीटें जीत लीं। DMK को 22, कांग्रेस को 9 और शेष अन्य सहयोगियों को सीटें मिलीं। वोट शेयर के आंकड़े
हालांकि वोट शेयर के आंकड़े एक अलग तस्वीर पेश करते हैं। AIADMK को लगभग 20% वोट मिले, जिससे वह राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। BJP का वोट शेयर भी 11% के आसपास रहा, जबकि कांग्रेस को 10% वोट मिले। इन आंकड़ों से यह साफ है कि अगर भाजपा और AIADMK साथ आते हैं, तो वे मिलकर एक प्रभावशाली ताकत बन सकते हैं।
तमिलनाडु में क्षेत्रीय राजनीति का दबदबा
तमिलनाडु की राजनीति पिछले पांच दशकों से द्रविड़ दलों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। DMK और AIADMK यहां की मुख्य राजनीतिक ताकतें रही हैं। कांग्रेस और BJP जैसी राष्ट्रीय पार्टियों ने कभी सीधे सत्ता में भागीदारी नहीं की, बल्कि हमेशा क्षेत्रीय सहयोगियों के सहारे राज्य की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
BJP को क्यों चाहिए AIADMK का साथ
भाजपा को यह एहसास हो गया है कि तमिलनाडु जैसे राज्य में स्थानीय नेतृत्व और मजबूत क्षेत्रीय दल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि उसने एक बार फिर AIADMK के साथ गठबंधन कर 2026 के चुनावी रण में उतरने का निर्णय लिया है।
क्या दक्षिण के द्वार पर BJP का होगा ‘राजतिलक’!
AIADMK और BJP के इस नए गठबंधन से तमिलनाडु की राजनीतिक फिजा में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। विपक्षी INDIA गठबंधन के खिलाफ यह एक बड़ी चुनावी चुनौती होगी। आने वाले महीनों में सीट बंटवारे, साझा घोषणापत्र और प्रचार रणनीति जैसे मसलों पर स्पष्टता आएगी, लेकिन इतना तय है कि 2026 के विधानसभा चुनाव तमिलनाडु में बेहद दिलचस्प होने वाले हैं।