डिम्ट्स और परिवहन विभाग का करार समाप्त
दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में DIMTS यानी दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड दिल्ली में क्लस्टर बस सेवा का प्रबंध करती है। दिल्ली सरकार से चार क्लस्टरों में बस सेवाओं को लेकर इसका करार हुआ था। जो बीते 15 अप्रैल को खत्म हो गया। दिल्ली के परिवहन विभाग ने डिम्ट्स का करार खत्म होने के बाद इन चारों क्लस्टरों में चल रही डिम्ट्स की करीब 464 बसों का संचालन बंद कर दिया। इसका सीधा असर उन हजारों कर्मचारियों पर पड़ा। जो इन बसों के जरिये अपनी रोजी-रोटी चला रहे थे। इसमें ड्राइवर और कंडक्टर समेत अन्य पदों पर रहने वाले लगभग 2000 कर्मचारी शामिल हैं। हालांकि डिम्ट्स ने अपने कर्मचारियों को मार्च में ही दिल्ली सरकार से करार समाप्त होने के चलते नौकरी खत्म होने का नोटिस दे दिया था।
अन्य क्लस्टरों में समायोजन की मांग
बेरोजगार हुए कर्मचारियों का कहना है कि डिम्ट्स अभी भी दिल्ली में दो अन्य क्लस्टरों का संचालन कर रही है और जल्द ही ‘देवी’ योजना के तहत मिलने वाली नई बसों का संचालन भी शुरू करेगी। ऐसे में उनके अनुभव और सेवाओं को देखते हुए उन्हें अन्य डिपो और बसों में समायोजित किया जा सकता है। कर्मचारियों ने इस मांग को लेकर कई बार डिम्ट्स प्रबंधन से भी संपर्क किया है, ताकि उनका रोजगार बचाया जा सके। आम आदमी पार्टी ने रेखा सरकार पर बोला हमला
डिम्ट्स का करार खत्म होने से दिल्ली 464 बसों का संचालन बंद होने पर आम आदमी पार्टी ने रेखा सरकार का घेराव किया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 464 बसों का संचालन बंद होने से आम यात्री परेशान हो रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के अचानक ये बसें हटा दी गईं। जिससे जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों को बस स्टॉप पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर एक-एक घंटे तक यात्रियों को बस नहीं मिल पा रही है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा “देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली में आबादी और गाड़ियां लगातार बढ़ती रहती हैं। 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली विश्व की चौथी मोस्ट कंजेस्टेड सिटी बन गई थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2024 आते-आते ही इसे चौथे पायदान से 44वें पायदान पहुंचाया। इसके पीछे आम आदमी पार्टी की सरकार में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए गए काम हैं। लेकिन आज भाजपा ने दिल्ली को फिर से पीछे धकेल दिया है। भाजपा ने दिल्ली में बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बसें हटा दी हैं। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि भाजपा ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्ट है। भाजपा का प्रयास रहता है कि वो सारे टेंडर इनके पूंजीपति मित्रों को दिए जाएं। इससे घूसखोरी और कमीशनखोरी का भार दिल्ली की जनता पर पड़ेगा।”
भाजपा ने किया आरोपों का खंडन
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने AAP के आरोपों को निराधार बताया है। भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली में बस संचालन व्यवस्थित ढंग से चल रहा है और किसी प्रकार का संकट नहीं है। उन्होंने दावा किया कि आने वाली 2 मई को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्लीवासियों को 400 नई बसों की सौगात देंगी। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले 10 सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं जोड़ी। जो आम आदमी पार्टी की बड़ी विफलता है। हालांकि अभी तक बेरोजगार हुए लगभग 2000 कर्मचारियों के समायोजन को लेकर दिल्ली सरकार का कोई बयान सामने नहीं आया है।