बदलने वाला है ट्रेंड यह अवधारणा यूनिफाइड एनर्जी इंटरफेस (यूईआइ) जैसे प्रयासों से मेल खाती है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को कारगर बनाने के लिए पिछले साल 20 ऊर्जा कंपनियों ने एक ओपन नेटवर्क लॉन्च किया था। नीलेकणी ने कहा, पुराने जमाने में लोग छोटी-छोटी मात्रा में ऊर्जा खरीदते थे, चाहे वह ईंधन के रूप में हो, लकड़ी के रूप में, कोयले के रूप में हो या एलपीजी सिलेंडर के रूप में। लेकिन बिजली हमेशा ऐसी चीज थी जिसे हम ग्रिड से प्राप्त करते थे या जनरेटर का उपयोग करके निजी तौर पर उत्पन्न करते थे। पर अब यह बदलने वाला है।
लाखों ऊर्जा उद्यमी तैयार होंगे नंदन नीलेकणी का मानना है कि छतों पर सौर ऊर्जा और ईवी बैटरियों के व्यापक रूप से प्रचलित होने के साथ ही ऊर्जा लेनदेन डिजिटल भुगतान की तरह ही निर्बाध, पीअर-टू-पीअर बाजार में परिवर्तित हो जाएगा। उन्होंने कहा, रूफटॉप सोलर से आप लाखों ऊर्जा उद्यमी तैयार करने जा रहे हैं, जो छोटी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन करने और उसे एक-दूसरे को बेचने में निवेश करेंगे। यह ऊर्जा परिदृश्य को मौलिक रूप से नया आकार दे सकता है। हालांकि इसे साकार करने के लिए नियामक सुधारों की आवश्यकता होगी। हमें अपने कानूनों को सरल बनाने की आवश्यकता है।