मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के साथ दिल्ली के शेष भागों में आगे बढ़ गया है। अब यह पूरी दिल्ली को जल्द ही कवर कर सकता है। इसके साथ ही अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इसके असर से 29 जून से ही कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ तूफान की गतिविधियां दिखाई दे सकती हैं। जबकि दिल्ली-एनसीआर में कहीं भारी तो कहीं मध्यम बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है।
मौसम विभाग के अनुमानों पर मानसून ने फेरा पानी
इससे पहले भी मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के लिए कई पूर्वानुमान जारी किए, लेकिन सभी अनुमानों पर मानसून ने पानी फेर दिया। इसके चलते जहां देश के कई राज्यों में मानसून अपने समय से पहले पहुंच गया। वहीं दिल्ली में इसका इंतजार बढ़ता जा रहा था। हालांकि 28 जून को दिल्ली का मौसम अचानक बदला और कई इलाकों में झमाझम बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई। मौसम विभाग ने पूर्व में जारी किए पूर्वानुमान में भी दिल्ली के अंदर 29 जून को बारिश की संभावना बताई थी। इसके साथ आंधी-तूफान आने की बात भी कही गई थी। इस बीच रविवार यानी 29 जून को सुबह से ही दिल्ली के आसमान में बादल छा गए और देखते-देखते ही कई इलाकों में मेघ बरसने लगे। इससे तापमान नीचे गया और लोगों को गर्मी से राहत मिली। अब मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में मानसून की एंट्री हो चुकी है। अब अगले तीन से चार दिनों तक बादल छाने और बारिश होने के आसार हैं।
देश में ये है मौजूदा मौसम प्रणाली
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि कच्छ तट पर बने निम्न दबाव और पूर्वी छोर पर दक्षिणी-पश्चिमी बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह स्थितियां मानसूनी के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हैं। इसके साथ ही पूर्वी-पश्चिमी मौसमी द्रोणी के संयुक्त प्रभाव से 24 घंटों में सहारनपुर समेत एनसीआर के विभिन्न जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। अब अगले 24 घंटों में मानसून पूरी तरह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय होने के आसार हैं। मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद अगले दो से तीन दिनों तक पश्चिमी यूपी, एनसीआर और दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश के आसार भी दिखाई दे रहे हैं। 30 जून को तराई इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश तथा इसके बाद मौसमी द्रोणी के पुनः दक्षिणी दिशा में खिसकने के कारण 1 जुलाई से भारी से बहुत भारी वर्षा की बेल्ट प्रदेश के दक्षिणी भाग की ओर खिसकने की संभावना है।