सभी तरह के वाहनों के लिए एक ही नियम
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत स्टेशन परिसर में ड्रॉप-ऑफ के लिए आने वाले निजी और व्यावसायिक वाहनों को पहले 8 मिनट तक कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह सुविधा सभी प्रकार के वाहनों के लिए लागू होगी। हालांकि, यदि कोई वाहन 8 मिनट से अधिक समय तक रुकता है तो उसे शुल्क देना होगा। 8 से 15 मिनट के बीच रुकने पर 50 रुपये, 15 से 30 मिनट पर 200 रुपये और 30 मिनट से ज्यादा रुकने पर 500 रुपये शुल्क लगाया जाएगा। साथ ही वाहन को हटाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। यात्रियों को पिकअप करने वाले वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित
यह नई व्यवस्था केवल अजमेरी गेट साइड पर लागू की गई है। जहां पहले से ही भारी भीड़ और अनियंत्रित पार्किंग की शिकायतें मिल रही थीं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि FASTag के जरिए या कियोस्क से टिकट प्राप्त कर शुल्क लिया जाएगा। शुल्क का भुगतान निकासी द्वार (एक्जिट गेट) पर किया जाएगा। जहां बूम बैरियर लगाए गए हैं। रेलवे अधिकारियों ने ये भी बताया कि स्टेशन परिसर में केवल वही वाहन प्रवेश कर सकेंगे। जो यात्रियों को छोड़ने आए हैं।
पिकअप के लिए आए वाहनों को विशेष जनरल या वीआईपी पार्किंग क्षेत्र का उपयोग करना होगा, क्योंकि आमतौर पर यात्रियों को लेने में 8 मिनट से अधिक समय लगता है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई टैक्सी चालक 8 मिनट से अधिक समय तक इंतजार करता है और ड्रॉप-ऑफ लेन में खड़ा रहता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसलिए ऐसे वाहनों को निर्देशित किया गया है कि वे पार्किंग क्षेत्रों में जाकर यात्री का इंतजार करें। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया “इस नई व्यवस्था का उद्देश्य स्टेशन क्षेत्र में अनुशासित यातायात बनाए रखना और भीड़भाड़ से मुक्ति दिलाना है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए लागू हुई व्यवस्था
इस पहल को यात्रियों और ट्रैफिक मैनेजमेंट एजेंसियों द्वारा एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। जिससे स्टेशन क्षेत्र में नियमित रूप से होने वाले ट्रैफिक जाम से निजात मिलने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है और आवश्यकता अनुसार आगे अन्य द्वारों पर भी इसे लागू किया जा सकता है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और वाहन चालकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वे नए नियमों का पालन करें और स्टेशन परिसर में अनुशासन बनाए रखें, जिससे सभी यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।