शोध दल के मुताबिक इन अधोलोक में जीवन बहुत अलग है। सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा से वंचित ये सूक्ष्मजीव रासायनिक प्रक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इसी से इन्हें हाइड्रोजन, मीथेन, सल्फर और अन्य ऊर्जा के स्रोत उपलब्ध हो पाते हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र टेक्टोनिक गति से चलते हैं।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 478 आर्किया और 964 बैक्टीरिया के साथ विभिन्न समुद्री और स्थलीय स्थानों से 147 मेटाजीनोम के सूक्ष्मजीवों की विविधता का विश्लेषण किया। इसमें स्थल और समुद्री जीवों का अंतर स्पष्ट था। रफ का कहना है, पृथ्वी के नीचे जीवन का पता लगाने वाले इस मॉडल से मंगल या अन्य ग्रहों पर जीवन की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।