पुलिस का कहना है कि पिछले तीन साल से आरोपी हर महीने करीब डेढ़ लाख लीटर जेट फ्यूल चोरी कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे थे। इस तरह आरोपियों ने अब तक करीब 54 लाख लीटर जेट फ्यूल चोरी कर उसे बाजार में औने-पौने दाम में बेच डाला। आरोपी रोजाना करीब 5000 लीटर जेट फ्यूल चोरी करते थे। जो अपने साथियों को 30 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचते थे। इसके बाद खुले बाजार में 43 से 50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाता था। इस हिसाब से आरोपियों ने तीन साल में करीब 16 करोड़ 20 लाख रुपये का जेट फ्यूल चोरी कर बेच डाला।
कब और कैसे पकड़ी गई यह बड़ी साजिश?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और इंडियन ऑयल की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई में इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया। एक मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने दिल्ली के मुनिरका गांव के पास एक टैंकर को पकड़ा। जिसमें अवैध रूप से ईंधन भरा हुआ था। वहीं से जांच आगे बढ़ी और पुलिस ने मुख्य आरोपी के गोदाम से 72 हजार लीटर चोरी का जेट फ्यूल बरामद किया। पुलिस ने बताया कि एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की गंध और रंग को बदलने के लिए आरोपी उसमें केमिकल मिलाते थे। इससे यह ईंधन टर्पेंटाइन यानी तारपीन जैसा दिखने लगता था। यह गिरोह हर महीने सरकारी खजाने को 1.62 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान पहुंचा रहा था। जिसमें अनुमानित रूप से प्रतिदिन 5,000 लीटर ईंधन की चोरी होती थी। पुलिस का कहना है कि यह गोरखधंधा करीब तीन साल से चल रहा था। इसी दौरान बीते रविवार को मुखबिर की गुप्त सूचना मिलने के बाद मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड पूर्व टैंकर चालक, एक ट्रांसपोर्टर और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की चोरी कर उसे टर्पेंटाइन ऑयल बताकर खुले बाजार में बेच रहे थे। चोरी किया गया ईंधन टर्पेंटाइन के नाम पर देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित फैक्ट्रियों और डीलरों को बेचा जा रहा था। इससे न केवल भारी आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि सुरक्षा को भी खतरा था, क्योंकि जेट ईंधन अत्यधिक ज्वलनशील होता है। पुलिस ने आरोपी के गोदाम से 72,000 लीटर जेट ईंधन जब्त किया है।
डीसीपी क्राइम ने बताई पूरी कहानी
पुलिस उपायुक्त (Crime) आदित्य गौतम ने बताया “एटीएफ को मूल रूप से HPCL के बहादुरगढ़ स्थित असोदा डिपो से IGI हवाई अड्डे पर डिलीवरी के लिए भेजा जाता था। हालांकि,टैंकर ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर और गोदाम मालिक की मिलीभगत से जीपीएस ट्रैकिंग डेटा में हेरफेर करते थे और टैंकरों को मुंडका में एक गुप्त स्थान पर मोड़ देते थे। इसके बाद टैंकरों पर लगे सुरक्षा लॉक, जिन्हें केवल निर्धारित हवाई अड्डा डिपो पर ही खोला जाना था। उन्हें नकली मास्टर चाबियों से बाईपास कर दिया जाता था।” डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम ने आगे बताया “लॉक को बाइपास करने के साथ ही जाली डिप रॉड के इस्तेमाल से डिलीवरी रीडिंग को भी नकली दिखाया जाता था। चुराए गए ईंधन को बैरलों में भरकर मिनरल टर्पेन्टाइन ऑयल (MTO) के रूप में बेचा जाता था। जिसका उपयोग आमतौर पर स्याही और पेंट उद्योग में होता है। मौके से 24,000 लीटर एटीएफ ले जा रहे तीन तेल टैंकरों के साथ-साथ साइफनिंग पाइप,ड्रम और नकद राशि जब्त की गई।”
छापेमारी में क्या मिला?
डीसीपी ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने छापेमारी के दौरान टैंकरों के अलावा दो पिकअप ट्रक, ₹1.05 लाख नकद, छह डिप रॉड (जिनमें से कुछ नकली), साइफनिंग उपकरण, नौ खाली ड्रम और तीन नकली मास्टर चाबियां बरामद की हैं। जब्त किया गया एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) और संबंधित वाहन उचित दस्तावेज़ीकरण के बाद तेल कंपनी को सुरक्षित हिरासत के लिए सौंप दिए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में गोदाम मालिक और पूर्व टैंकर चालक गया प्रसाद यादव (43) शामिल है। जो चोरी का ईंधन 30 प्रति लीटर में खरीदता और 50 प्रति लीटर में बेचता था। वहीं, राजकुमार चौधरी (53) नियमित रूप से चोरी का एटीएफ खरीदता था। उसे 43 से 50 प्रति लीटर में बेचता था। इसके अलावा अशपाल सिंह भुल्लर (53) को भी गिरफ्तार किया गया है। जो जब्त किए गए तीन टैंकरों सहित कुल आठ ट्रकों का मालिक है।
इन लोगों को भी किया गया गिरफ्तार
इस गिरोह के तीन ट्रक ड्राइवर राम भरोसे यादव (44), अंजय रॉय (41) और सुबोध कुमार यादव (32) भी पुलिस की गिरफ्त में हैं। इन्हें प्रति फेरी 1,500 का भुगतान किया जाता था। इनके अलावा दो सहायक प्रवीण कुमार यादव (25) और प्रवीण कुमार यादव (19) भी पकड़े गए हैं। जिन्हें प्रति चक्कर 700 मिलते थे। क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है। इनमें से कुछ आरोपी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। ये लोग GPS से लैस टैंकरों में ईंधन भरकर उसे गोदाम तक पहुंचाते थे और रास्ते में ईंधन की चोरी कर लेते थे।