सुधामूर्ति-हेमा मालिनी भी लगाएंगी डुबकी सुधामूर्ति भी महाकुंभ में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर डुबकी लगाएंगी। उनके लिए उल्टा किला के पास कॉटेज तैयार किया जा रहा है। सावित्री देवी जिंदल के लिए स्वामी अवधेशानंद और चिदानंद मुनि के शिविरों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। हेमा मालिनी जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिविर में प्रवास करेंगी। वह भी संगम में डुबकी लगाएंगी।
विशेष साधना में कई नियमों का पालन महाकुंभ में कल्पवास 30 दिन की विशेष साधना है। मान्यता है कि इससे अंत:करण और शरीर का कायाकल्प होता है। कल्पवास करने वालों को कई नियमों का पालन करना होता है। इनमें सत्य वचन, अहिंसा, इंद्रियों पर नियंत्रण, प्राणियों पर दयाभाव, ब्रह्मचर्य, व्यसनों का त्याग, ब्रह्म मुहूर्त में जागना, नित्य तीन बार पवित्र नदी में स्नान, साधु-संतों की सेवा, जप-संकीर्तन और एक समय भोजन शामिल है।