जेल से बाहर आए चारों आरोपी
हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले (Hardeep Singh Nijjar Murder Case) में आरोपी करण, करणप्रीत, कमलप्रीत और अमनदीप को आरोप लगाने के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि अब जमानत मिलने के साथ ही चारों आरोपी जेल से बाहर आ गए हैं। चारों को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था।
गवाहों-सबूतों के अभाव में दी गई जमानत
कनाडाई अदालत ने निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपियों को जमानत देने की वजह भी बताई है। रिपोर्ट के अनुसार इन करण, करणप्रीत, कमलप्रीत और अमनदीप को गवाहों और सबूतों के अभाव में जमानत दी गई। मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अदालत में मौजूद नहीं थी।
अगली सुनवाई 11 फरवरी को
निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपियों को जमानत तो दे दी गई है, लेकिन यह मामला अभी बंद नहीं हुआ है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।
कनाडा सरकार और पुलिस के लिए बड़ा झटका
जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने निज्जर हत्याकांड मामले में संसद में खड़े होकर भारत सरकार पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। पुलिस ने भी इस मामले में सरकार के कहे अनुसार काम किया। भारत सरकार ने कनाडाई सरकार के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था। ऐसे में अब ट्रूडो के इस्तीफे के दो दिन बाद ही इस मामले में चारों आरोपियों को जमानत मिलना कनाडा सरकार और पुलिस के लिए बड़ा झटका है।
क्या है पूरा मामला जिससे बिगड़े भारत-कनाडा संबंध
खालिस्तानी आतंकी निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर को भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया हुआ था। हालांकि कनाडा सरकार की तरफ से निज्जर को संरक्षण मिला हुआ था और उसे आतंकी भी नहीं माना जाता था। निज्जर की हत्या के मामले में ट्रूडो के साथ ही उनके कई मंत्रियों ने भी भारत सरकार पर आरोप लगाया था। इस मामले में ट्रूडो ने कई मौकों पर भारत सरकार और खुफिया एजेंसी की भूमिका बताई। भारत सरकार ने कनाडाई सरकार के इस आरोप को बेतुका और बेबुनियाद बताया था। इस वजह से ही दोनों देशों के संबंधों में खटास पड़ी थी।