10 साल से पढ़ा रही नितिशा ठीकरिया निवासी नितिशा त्रिवेदी तकरीबन 10 वर्ष से बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही हैं। एमएससी तक शिक्षित नितिशा खुद भी भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। माता-पिता के साथ ससुराल पक्ष के लोग भी मदद करते हैं। नितिशा कक्षा एक से 10 तक के 40-50 विद्यार्थियों को रोजाना विभिन्न बैच बनाकर पढ़ाती हैं। इधर, बड़ोदिया के भावीन जोशी भी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित करते हैं। वह संस्कृत पढ़ाते हैं।
60 युवाओं की लगी नौकरी बापूलाल लबाना फिलहाल बैच नहीं चला पा रहे, लेकिन युवाओं को उन्होंने निशुल्क शिक्षा में भरपूर योगदान दिया। पूर्व के निशुल्क बैच में पढ़ चुके 60 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां हासिल हो चुकी हैं। शुरुआती दौर में, विशेषकर महिलाओं की सहूलियत के लिए बैच शुरू किए थे, जिनमें बाद में कई युवक भी जुड़े।
100 युवाओं ने पाई सरकारी नौकरियां भील समग्र विकास परिषद और लबाना समाज के कुछ युवा भी जरूरतमंद परिवारों के अभ्यर्थियों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं। अब तक 100 युवक-युवतियों की सरकारी नौकरी का सपना भी पूरा हो चुका है। प्रतियोगी परीक्षाओं के समय निशुल्क कक्षाएं लगाते हैं, जबकि ये युवा खुद नौकरीपेशा हैं। व्यस्त जीवनचर्या के बीच तालीम के लिए वक्त निकाल रहे हैं।
लोगों का भी खूब सहयोग इन युवाओं की कोशिशों को देखकर परिजन, सामाजिक कार्यकर्ता और कई लोग भी खुलकर मदद करते हैं। बच्चों को स्टेशनरी और अन्य जरूरत का सामान मुहैया कराते हैं।
– युवाओं की टोली करती है भर्ती परीक्षाओं में मदद कुशलगढ़ क्षेत्र के युवाओं ने भील समग्र विकास परिषद के बैनर तले कई कोचिंग बैच चलाते हैं। ग्राम विकास अधिकारी, शिक्षक, वरिष्ठ शिक्षक टीचर, लिपिक, कांस्टेबल सहित कई पदों की भर्तियों निकलते ही अभ्यर्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है। शिक्षक लालसिंह मईड़ा बताते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जल्द फिर कक्षाएं लगाएंगे।