जिला अस्पताल में पांच माह पहले डीडीआर केंद्र चालू करने के लिए बीस नंबर कक्ष अलाट है। इस केंद्र के प्रशासनिक अधिकारी स्वार्थिका मड़के, ईयर मोड तकनीकी विशेषज्ञ प्रकाश मोरधड़े दो दिन से अवकाश है। नियुक्ति दिनांक से आज तक सामाजिक न्याय विभाग में फाइलें पलट रहे। फिजियोथेरेपिस्ट निधि भी दिव्यांग जनों को सेवाएं देने की बजाए कार्यालय में कागजी प्रकिया में व्यस्त हैं। विशेष शिक्षक अशोक बारवेल भी सामाजिक न्याय विभाग कार्यालय में सेवाएं दे रहे हैं। लेखापाल आशी गुप्ता नि : शक्त कल्याण शाखा का कार्य संभाल रहीं हैं। चौकीदार लव तंवर व चतुर्थश्रेणी राकेश मोरे सामाजिक न्याय विभाग में फाइलों में टैग लगाने के साथ बाबुओं की सेवा कर रहे हैं। सभी कर्मचारी संविदा पर नियुक्त किए गए हैं।
जिला मुख्यालय पर डीडीआरसी केंद्र के लिए जिम्मेदार छह माह में जमीन तक नहीं तलाश सके। जबकि शहर में कई जगहों पर शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण है। इसके बाद भी डीडीआरसी के लिए जमीन निर्धारित नहीं कर सके हैं।
दिव्यांगों को प्रोत्साहित करना, दिव्यांगता से बचाव, जागररूकता कार्यक्रम । सहायक उपकरणों का आकलन करना, उपकरणों की मरम्मत ।
उपचारात्मक सेवाएं, व्यवसायिक उपचार, वाक उपचार आदि।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बस पास और रियात दरों पर सुविधाएं प्रदान करना।
रोजगार के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण व्यवस्था करना।
दिव्यांगजनों को व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि सेवाएं उपलब्ध करना।
वर्जन…डिप्टी कलेक्टर…निकिता मंडलोई, शासन स्तर पर उपकरण का टेंडर हो रहा केंद्र के लिए जमीन की भी तलाश की जा रही है। डीडीआरसी के कर्मचारी कार्यालय में कार्य कर रहे हैं। अस्पताल में केंद्र संचालित करने अभी उपकरण नहीं मिले हैं। शासन स्तर पर उपकरण के टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। उपकरण आने के बाद केंद्र चालू किया जाएगा।
-अस्पताल में कक्ष नंबर-20 डीडीआरसी के लिए अलाट है। रंगाई पुताई भी करा दी गई है। करीब चार माह पहले ही अलाट की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अभी चालू नहीं हुआ है। इसका संचालन सामाजिक न्याय विभाग को करना है।