उन्होंने कहा कि सरकार अपनी दिशा या दृष्टिकोण बताने में पूरी तरह विफल रही है। अमेरिका से वापस भेजे जा रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर भी गोहिल ने सरकार पर प्रहार किए। महाकुंभ में वीआईपी चलन, धार्मिक आयोजन को राजनीतिक आयोजन बनाने की चाहत के कारण कई निर्दोष लोगों की जानें चली गईं और सरकार ने अभी तक मृतकों के नाम- पते की सूची जारी नहीं की है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिर तोड़ने और हिंदुओं पर हमले होने को लेकर विदेश नीति पर भी सवाल उठाए।
अमरेली से जुड़ी घटना का भी उल्लेख
उन्होंने कहा कि अमरेली में भाजपा के ही दो गुटों के बीच झगड़ा चल रहा है और ऐसे में एक निर्दोष युवती के साथ मारपीट और उसका जुलूस निकालने का भी उन्होंने जिक्र किया। साथ ही जम्मू कश्मीर में गृह मंत्री की उस घोषणा को लेकर आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि ईद और मुहर्रम पर एक-एक गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा। इस तरह की योजना को गुजरात में भी लागू करने की मांग की है।
सूरत के हीरा- कपड़ा उद्योग पर चिंता जताई
गोहिल ने सूरत के हीरा उद्योग और कपड़ा उद्योग के समक्ष आ रही परेशानियों को लेकर कहा कि सरकार ने इस बार में कुछ नहीं कहा। इस दौरान किसानों की आय के अलावा एयरपोर्ट के उपयोग की शुल्क को कई गुना बढ़ाने पर भी उन्होंने प्रहार किए।