जयपुर. आपके पास उद्योग करने की प्रतिभा है, लेेकिन बड़ी पूंजी नहीं है, ऐसे प्रतिभाशाली लोगों के लिए प्रदेश में पहली बार फ्लेटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स तैयार किए जा रहे हैं। इस वर्टिकल कॉम्प्लेक्स में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) संचालनकर्ता आकर सीधे काम शुरू कर सकेंगे।
रीको ने जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में ‘प्लग एंड प्ले’ कंसेप्ट के तहत फ्लेटेड फैक्टरी के लिए इमारत तैयार कर ली है। इसमें 33 यूनिट बनाई गई है। यहां छोटे उद्योग संचालित करने वालों को जगह लीज पर दी जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है। यहां पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता तो फिर इस कंसेप्ट को पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा जयपुर के बिचून और खैरथल-तिजारा जिले के भिवाड़ी के लिए भी होमवर्क किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को छोटे निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार से जोड़ने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
आओ और शुरुआत करो… -पायलट प्रोजेक्ट: जयपुर के सीतापुरा के स्पेशल इकोनोमिक जोन में बनाया गया है -निर्माण लागत: करीब 20 करोड़ रुपए है -यह सुविधा: यहां 4167 वर्गमीटर क्षेत्रफल मेें भू-तल सहित चार मंजिला इमारत बनाई गई है। एक यूनिट के लिए 1260 से 1360 वर्गफीट जगह है। हर फ्लोर पर मॉड्यूलर कंसेप्ट है यानी जरूरत के अनुसार जगह छोटी-बड़ी की जा सकेगी। मीटिंग व कांफ्रेंस व सेमीनार हॉल, कॉमन फेसेलिटी सेंटर के लिए अलग से जगह है।
क्या है प्लग एंड प्ले सरकार उद्योग शुरू करने वालों को ऐसी जगह उपलब्ध कराती है, जहां वे पहले दिन से काम शुरू कर सकते हैं। उन्हें न तो जमीन खरीदनी पड़ती है और न ही बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। जगह उपलब्ध कराने के लिए नाम मात्र किराया लिया जाता है। चीन व विकसित देशों में यह कंसेप्ट ज्यादा उपयोग हो रहा है।
—- इन लोगों के लिए… -ऐसे लोग जो प्रतिभाशाली हैं लेकिन ज्यादा पूंजी नहीं। बड़ी जमीन खरीदकर कंस्ट्रक्शन नहीं करा सकते। -लम्बे समय तक नौकरी करने वाले ऐसे लोग जो खुद का व्यापार शुरू करना चाहते हैंं, लेकिन रिस्क नहीं हो उठा पा रहे।
ये उद्योग नहीं लग पाएंगे -बड़े उद्योग नहीं लग पाएंगे, क्याेंकि उनकी मशीनें भारी और ज्यादा होती हैं। -ऐसी मशीनें जो ज्यादा आवाज करती हैं। -प्रदूषण फैलानी वाली औद्योगिक इकाइयां। जहां जमीन महंगी, वहां फ्लेटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स
रीको अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फ्लेटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स का कंसेप्ट वहां लाएंगे, जहां जमीन महंगी होती जा रही हैं। जमीन महंगी होगी तो औद्योगिक इकाई लगाना और ज्यादा महंगा हो जाएगा।