इज़राइल ने युद्ध विराम बढ़ाने का दबाव डालने के लिए सहायता रोक दी
ग़ाज़ा युद्ध विराम अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि इज़राइल ने हमास पर युद्ध विराम बढ़ाने का दबाव डालने के लिए सहायता रोक दी है। गौरतलब है कि इज़राइल ने 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमले के बाद से हमास के साथ सीधी बातचीत करने से इनकार कर दिया है और इस समूह को खत्म करने की कसम खाई है। अल-मसरी ने जोर देते हुए कहा कि हमास युद्ध विराम के दूसरे चरण पर बातचीत के बदले में बंधक मसला हल करना चाहता है। इसमें लड़ाई के स्थायी अंत के बदले में शेष जीवित बंधकों की रिहाई शामिल होगी।
ग़ाज़ा में एक जीवित अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर ही रह गया
माना जाता है कि ग़ाज़ा में केवल एक जीवित अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर ही रह गया है। साथ ही चार मृत अमेरिकी और कम से कम 12 दोहरे अमेरिकी-इज़राइली बंदी भी हैं। अल-मसरी ने ट्रंप की आलोचना की कि वे इज़राइली कैदियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इज़राइली जेलों में लगभग 10,000 फ़िलिस्तीनी बंदियों को अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन पर इज़राइल के प्रति पक्षपात करने का भी आरोप लगाया, जो खुद को मध्यस्थ के बजाय संघर्ष में एक पक्ष के रूप में पेश कर रहा है।
ट्रंप ने हमास को धमकी देना जारी रखा
चर्चाओं के बावजूद, ट्रंप ने हमास को धमकी देना जारी रखा है, यह कहते हुए कि उन्हें सभी बंधकों को तुरंत रिहा करना चाहिए या परिणामों का सामना करना पड़ेगा। मध्य पूर्व के लिए अमेरिकी दूत, स्टीव विटकॉफ़ ने संकेत दिया है कि अगर हमास अमेरिकी मांगों का पालन नहीं करता है, तो ग़ाज़ा में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना हो सकती है।
इज़राइल के प्रति बाइडन प्रशासन के समर्थन की “नकल” बनने से बचे
अल-मस्री ने ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया कि वह तटस्थ बना रहे और इज़राइल के प्रति बाइडन प्रशासन के समर्थन की “नकल” बनने से बचे। उन्होंने यह भी साफ किया कि धमकी और दबाव प्रभावी नहीं होंगे और ग़ाज़ा के लोगों को जबरन विस्थापित करने के प्रयास निष्फल होंगे।
लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों को हटाना होगा
ट्रंप ग़ाज़ा का मालिकाना हक लेना और मध्य पूर्व में “रिविएरा” बनाना चाहते हैं, उनकी इस मंशा को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना के तहत लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों को हटाना होगा। इधर अरब लीग ने एक वैकल्पिक योजना पेश की है, जिसमें ग़ाज़ा का प्रशासन करने और फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी के लिए एक अंतरिम समिति का गठन करने का प्रस्ताव शामिल है।