कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, जयपुर महानगर कुटुम्ब प्रबोधन टोली के सदस्य प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा ने शिक्षा, पाठ्यक्रम और श्रेष्ठ नागरिकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कर्तव्य निर्धारण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समाजोत्थान, मानव कल्याण और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की। भगवद्गीता के उद्धरण के माध्यम से उन्होंने निष्काम कर्म की प्रेरणा दी और आत्मसंतुष्टि, कार्यक्षमता और ईश्वर पर विश्वास को सफलता का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि कर्तव्यों के साथ अधिकारों का पालन समाज और राष्ट्र के हित में आवश्यक है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री डॉ. दीपक शर्मा ने समाज और राष्ट्रहित में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द, सुभाष चन्द्र बोस और शिवाजी जैसे महान व्यक्तित्वों के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. स्निग्धा शर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में नागरिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन की आवश्यकता पर जोर दिया और राष्ट्रहित में कार्य करने की अपील की। मंच संचालन डॉ. ललिता शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गोविन्द शरण शर्मा ने किया। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय, जयपुर और मूकबधिर महाविद्यालय के संकाय सदस्य तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।