माउंट आबू. पर्यटन स्थल माउंट आबू की हसीन वादियों में बार-बार बदल रहे मौसमी मिजाज के चलते रविवार को आसमान में बादलों का आवागमन बना रहने से मौसम खुशनुमा रहा। सवेरे पहाड़ियों में हल्की धुंध का आवागमन बना रहने से देश-विदेश से आए पर्यटक सुहाने मौसम के बीच सडक़ों व बाजारों में चहलकदमी करते हुए खुश नजर आए। आसमान में बादलों के छाए रहने से भ्रमणकारियों ने वातावरण में घुली ठंडक के बीच क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करते हुए मौसम का आनंद लिया। दोपहर के समय गर्मी का असर रहा।
खुशनुमा मौसम के बीच सैलानियों ने गुरु शिखर, पीस पार्क, अचलगढ़, देलवाड़ा, संत सरोवर, अधर देवी, शंकर मठ, यूनिवर्सल पीस हॉल ओम शांति भवन, अनादरा प्वॉइंट, गणेश मंदिर, टॉड रॉक, भारत माता नमन स्थल, सनसेट मार्ग स्थित आध्यात्मिक संग्रहालय का दीदार करते हुए पर्यटन यात्रा के हसीन पलों को कैमरे में कैद किया। तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते न्यूनतम तापमान 18 व अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा।
4571 वाहनों से आए 13 हजार से अधिक सैलानी
पर्यटन स्थल माउंट आबू की हसीन वादियों का वीकेंड पर दीदार करने आए पर्यटकों से बाजार में रौनक रही। गत ढाई दिनों में 4 हजार 571 छोटे-बड़े वाहनों से करीब 13 हजार से अधिक सैलानी माउंट आबू आए। पर्यटकों ने माउंट आबू की वादियों को निहारने का आनंद लिया। जिसके चलते वाहन कर के रूप में पालिका को 4 लाख 46 हजार 500 रुपए की शुद्ध राजस्व आय हुई।
वाहन कर नाका सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को 1718 छोटे-बड़े वाहनों से एक लाख 85 हजार 700, शनिवार को 1630 वाहनों से एक लाख 48 हजार 200 रुपए, रविवार को अपराह्न चार बजे तक 1223 वाहनों से एक लाख 12 हजार 600 रुपए वाहन कर के रूप में अर्जित किए। जिससे कुल चार हजार 571 छोटे-बड़े वाहनों से वाहन कर के रूप में चार लाख 46 हजार 500 रुए की शुद्ध राजस्व आय हुई। सैलानियों के आने से बाजार रौनकजदा रहे। व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालकों में हर्ष का माहौल बना रहा।
बंदर ने नल खोलकर प्यास बुझाई…फिर नल बंद कर पानी व्यर्थ नहीं बहाने का दिया संदेश…
पिश्वानिया महादेव मंदिर में लगी टंकी का नल खोलकर पानी पिता बंदर। सिरोही . बंदरों की बुद्धिमत्ता की एक रोचक घटना सामने आई, जिसमें एक बंदर ने रविवार को पिशवानिया महादेव मंदिर के कुंड पर लगे नल को खोलकर पानी पिया और पानी पीने के बाद नल को बंद कर दिया। रविवार को शहर के निकट पिशवानिया महादेव मंदिर के कुंड पर लगे नल से एक बंदर के पानी पीने का अनोखा तरीका देखने को मिला। जिसमें बंदर ने पहले इधर-उधर देखा, फिर मौका मिलते ही नल खोलकर पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई। इसके बाद नल को बंद किया। ताकि पानी व्यर्थ नहीं बहे। बंदर ने प्यास बुझाने के बाद नल बंद कर मानव समाज को पानी व्यर्थ नहीं बहाने का संदेश भी दिया।
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