दीपक शर्मा नावां शहर(नागौर). प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी नावां में स्थापित नमक परीक्षण प्रयोगशाला बंद होने से नमक की गुणवत्ता जांच का कार्य ठप पड़ा है। ऐसे में दर्जनों नमक प्लांट, रिफाइनरियां व वासरी स्वयं के घोषणा पत्र (सेल्फ डिक्लेरेशन) के आधार पर देशभर में नमक की आपूर्ति कर रही हैं। इससे खाद्य नमक की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। नमक की गुणवत्ता जांच की वर्तमान व्यवस्था के तहत न तो काउंटर साइन हो रहे हैं, न क्वालिटी कंट्रोल और न ही सांख्यिकी विभाग की कोई भूमिका रही है। जबकि नावां में प्रतिवर्ष औसतन 20लाख मैट्रिक टन नमक तैयार होता है।
तीन माह से प्रयोग शाला पर ताला सूत्रों के अनुसार नमक विभाग,जयपुर ने करीब तीन माह पहले नमक जांच प्रयोगशाला को बंद करने के आदेश दिए थे, तभी से प्रयोग शाला पर ताला लटका हुआ है। इससे रेलवे को भी लाखों रुपए के घाटे की आशंका सता रही है। करीब दो हजार करोड़ के इस सालाना कारोबार की पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
कौन करेगा नमक शुद्धता की पुष्टि यहां लगी २५ से अधिक रिफाइनरियों, दर्जनों प्लांट व वासरी नमक को रेल के जरिये अन्य राज्यों में भेजते हैं, जो इनदिनों बिना किसी आधिकारिक प्रमाणन के सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर भेजा जा रहा है। नमक खाद्य सामग्री होने के कारण यह व्यवस्था न केवल उपभोक्ताओं की सेहत के लिए खतरा है, बल्कि उद्योग विभाग की जिम्मेदारी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।
नागौर के भरोसे जांच नमक कारोबार की निगरानी और सत्यापन का जिम्मा उद्योग विभाग नागौर के पास है। विभाग सिर्फ नागौर कार्यालय तक सीमित रह गया है। जबकि नमक कारोबार डीडवाना-कुचामन जिले में सबसे ज्यादा है। वहां उद्योग विभाग लवण निरीक्षक का कार्यालय तक नहीं खोला गया है।
श्रेणी अनुसार नहीं हो रहा नमक लदान वर्तमान में ट्रेन में नमक लदान की श्रेणी व क्वालिटी को देखने वाला कोई नहीं है। इस कारण नमक डी श्रेणी का हो या सी-श्रेणी जैसा मौका मिला लदान करा दिया। जबकि रेलवे की ओर से निर्धारित लदान मानकों के अनुसार, नमक को श्रेणीबद्ध करके उसकी क्वालिटी और उपयोगिता के अनुसार वैगनों में भरना होता है। लेकिन नावां में नमक की ग्रेडिंग प्रक्रिया ठप है। इससे गुणवत्ताहीन नमक बाजार में पहुंच रहा है, वहीं सही ग्रेड का नमक गलत श्रेणी के वैगनों में लदान करने से रेलवे को प्रति रैक हजारों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इनका कहना नावां में नमक विभाग का कार्यालय व प्रयोगशाला बंद हो गई है। सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर ट्रेन में नमक लदान किया जा रहा है। हमारी ओर से कोई काउंटर साइन व जांच नहीं की जाती है।
धर्मेंद्र कुमार, लवण निरीक्षक, उद्योग विभाग, नागौर। क्या कहते है अधिकारी नमक की गुणवत्ता जांच को लेकर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। नावां का नमक विभाग कार्यालय तथा जांच प्रयोगशाला लैब बंद है।
डॉ. ताराचंद तंवर, नमक उपायुक्त, जयपुर