महिलाओं को उद्यमिता के लिए आवश्यक शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ ऋण या अनुदान जैसी वित्तीय सहायता प्रदान करना चाहिए। सामाजिक समर्थन उन्हें उद्यमिता में बढ़ावा देने और प्रेरित करने के लिए बहुत जरूरी है। उद्यमिता के लिए नीतियां बनाकर वृहद स्तर पर उद्यमिता कार्यक्रम चलाने चाहिए। उद्यमिता संगठनों का गठन कर समर्थन प्रदान किया जा सकता है। उद्यमिता प्रतियोगिताएं आयोजित कर उनकी अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सकता है। मनोवांछित उद्यम के लिए उन्हें कर छूट या सब्सिडी देना चाहिए। – संजय निघोजकर, धार
महिलाओं को उद्यमिता में बढावा देने के लिए सरकारी योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए प्रेरक नियुक्त करने चाहिए। विभिन्न प्रकार के स्वयं सहायता समूह का निर्माण करना चाहिए, जो समय समय पर महिलाओं को उद्यमिता से संबधित जानकारी प्रदान करते रहें। ग्राम स्तर पर समय समय पर कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए, जिससे महिला उद्यमिता अपने उद्योग के प्रति जागरूक रहे। सोशल मीडिया पर उद्योग से संबधित जानकरी अपडेट करनी चाहिए। – कुमार जितेन्द्र ‘जीत’ मोकलसर
कुछ क्षेत्र पारम्परिक रूप से पुरुषों के लिए ही निर्धारित कर दिए गए है उनमें से एक है उद्यमिता, जहां तक उत्पादन और वित्तीय मामलों की बात है कि महिलाओं के बजाय पुरुषों को अधिक भरोसेमंद माना जाता रहा है। महिलाओं को उद्यमिता में बढ़ावा देने के लिए इस माइंडसेट में बदलाव की आवश्यकता है। परिवार और समाज में जागरूकता बढ़ाकर उन्हें सहयोग देने की मानसिकता विकसित करनी होगी। इसके साथ ही वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, नेटवर्किंग, सामाजिक सहयोग और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।
सरकार को महिलाओं के स्टार्टअप्स के लिए सरल लाइसेंसिंग, टैक्स छूट और कानूनी सुरक्षा जैसी सुविधाएँ प्रदान करनी चाहिए, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। – कविता बिरम्हान, जयपुर
महिलाओं को उद्यमिता में बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले लघु और कुटीर जैसे घरेलू उत्पादों के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए साथ ही सामाजिक और एनजीओ के माध्यम से सरकारी सुविधाओ को, सूचनाओं के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करना चाहिए। उन्हें समय-समय पर ऐसे कुटीर उद्योग और लघु उद्योगों के प्रशिक्षण के लिए केंद्रों तक आम महिलाओ को पहुंचाना चाहिए ताकि सभी महिलाओं को उद्यमिता में उनकी सहभागीदारी सुनिश्चित की जा सके। – आशुतोष शर्मा, जयपुर