जांच के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
तरवां थाना क्षेत्र के उमरी गांव निवासी कुसुम देवी ने थाने में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि 29 मार्च 2025 को सुबह करीब 7 बजे थानाध्यक्ष कमलेश कुमार पटेल अपने साथ कुछ पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने जातिसूचक गालियां दीं और उनके बेटे सन्नी कुमार से पूछताछ शुरू कर दी। जब परिवार ने इसका कारण पूछा तो थानाध्यक्ष ने सन्नी को पकड़ लिया और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर उसकी पिटाई की। इसके बाद उसे जीप में डालकर थाने ले गए।कुसुम देवी के अनुसार, जब वह परिवार और गांव के कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि सन्नी को शाम तक छोड़ दिया जाएगा।
हालांकि, रात 11 बजे तक उसे रिहा नहीं किया गया। अगली सुबह गांव वालों से सूचना मिली कि थाने में सन्नी के साथ कुछ अनहोनी हो गई है। थाने पहुंचने पर पता चला कि सन्नी की मौत हो चुकी है और उसका शव पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस का दावा है कि सन्नी ने थाने के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने पर जमकर हंगामा किया। भीड़ ने तोड़फोड़ और पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कुसुम देवी ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिकायत के आधार पर थानाध्यक्ष कमलेश कुमार पटेल और दो अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।