scriptप्रसंगवश: सबके प्रयासों से ही होगी हवा में घुलते जहर की रोकथाम | Kota Editor Ashish Joshi Special Article On 5th March 2025 On Air Quality Index AQI Level | Patrika News
ओपिनियन

प्रसंगवश: सबके प्रयासों से ही होगी हवा में घुलते जहर की रोकथाम

शुद्ध हवा-पानी नागरिकों का अधिकार है, लेकिन सरकारें इसे मुहैया करवाने में विफल होती नजर आती हैं।

कोटाMar 05, 2025 / 02:25 pm

Ashish Joshi

शहरों की बिगड़ती आबोहवा को लेकर जितनी चिंता जताई जा रही है उसके मुकाबले इसकी रोकथाम के प्रयासों की गति कहीं धीमी है। देश के दूसरे हिस्सों की तरह राजस्थान भी इससे अछूता नहीं। हैरानी की बात यह है न तो सरकारों को हवा में घुलते जहर की रोकथाम की चिंता होती है और न ही यह किसी चुनाव में मुद्दा बन पाता है। यहां तक कि बजट में भी इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे की अनदेखी होती रही है।
राजस्थान के लगभग सभी शहरों में एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) मापने की व्यवस्था है। चौराहों पर प्रदर्शित भी हो रहा है। कई बार एक्यूआइ खतरनाक स्तर को भी पार कर जाता है, लेकिन इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाता। एक्यूआइ खराब होने के कारणों की पड़ताल तक नहीं की जाती। फिर समाधान की राह भला कैसे निकलेगी? शासन और प्रशासन भले शहरी आबोहवा को लेकर गंभीर ना हो, आमजन इसको लेकर काफी संवेदनशील है। यही वजह है कि बच्चों की पढ़ाई से लेकर सैर-सपाटे के लिए बेहतरीन एक्यूआइ वाली जगह तलाशी जा रही है।

यह भी पढ़ें

प्रसंगवश : बच्चों को जीवन का फलसफा सिखाने की सराहनीय पहल

पर्यटकों के लिए भी ग्रामीण पर्यटन के साथ ग्रीन एरिया वाले पर्यटन स्थल प्रमुख डेस्टिनेशन बन रहे हैं। अभिभावकों की बदलती प्राथमिकता के चलते कई स्कूल-कॉलेजों की ओर से नए कैम्पस शहरों के दमघोंटू प्रदूषण से दूर बनाए जा रहे हैं। कई शैक्षणिक संस्थाओं ने तो अपनी प्रचार सामग्री में अब एक्यूआइ को भी शामिल करना शुरू कर दिया है।

यह भी पढ़ें

प्रसंगवश: प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखना बड़ी चुनौती

इससे बड़ी चिंता की बात क्या होगी कि देश के कई शहरों की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के चलते स्कूलों में अवकाश तक घोषित करना पड़ता है। इस कारण कई कॉलेजों की सीटें तक खाली रह जाती हैं। इससे सबक लेकर देश के कई बोर्ड की ओर से आगामी सत्र से निरीक्षण के बिंदुओं में एक्यूआइ को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। शुद्ध हवा-पानी नागरिकों का अधिकार है, लेकिन सरकारें इसे मुहैया करवाने में विफल साबित होती नजर आ रही हैं। चुनाव से पहले आमजन को वायु गुणवत्ता का मुद्दा उठाना चाहिए ताकि राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में इसे शामिल किया जाए और सरकारें भी इस पर सख्त फैसले लें। हवा में घुलते जहर की रोकथाम के प्रयास सरकार व समाज सबको ही करने होंगे। 
आशीष जोशी: ashish.joshi@epatrika.com

Hindi News / Prime / Opinion / प्रसंगवश: सबके प्रयासों से ही होगी हवा में घुलते जहर की रोकथाम

ट्रेंडिंग वीडियो