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आपकी बात…सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति को लेकर आपके क्या विचार हैं?

पाठकों की इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं मिलीं, प्रस्तुत हैं पाठकों के कुछ विचार…

जयपुरApr 16, 2025 / 02:25 pm

विकास माथुर

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बुनियादी सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक
सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक है। अनेक स्कूलों में शौचालय, स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त क्लासरूम का अभाव है। जिससे छात्रों की सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार को आधारभूत संरचना में निवेश बढ़ाना चाहिए। साथ ही, सामुदायिक भागीदारी और निगरानी तंत्र को मजबूत कर पारदर्शिता लाना आवश्यक है, जिससे हर बच्चे को गरिमा के साथ शिक्षा मिल सके।
— संजय माकोडे, बैतूल, मध्यप्रदेश
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छात्राओं के लिए टॉयलेट की उचित व्यवस्था हो
सरकारी स्कूलों नाम सामने आते ही हीनता की भावना आ जाती है। जो माता पिता निजी स्कूलों की फीस वहन नहीं कर पाते। उन बच्चों को सरकारी स्कूल भेज दिया जाता है। शिक्षक चाहे कितने ही योग्य क्यों न हों लेकिन वहां बुनियादी सुविधा न होने पर पेरेंट्स उन्हें वहां भेजना नहीं चाहते। अधिकांश स्कूलों में छात्राओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होती। यदि होती भी है तो वहां साफ—सफाई नहीं होती। इससे किशोरियों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो जाती हैं, जो कि लम्बे समय तक बनी रहती हैं। बुनियादी सुविधाओं में सबसे जरूरी उनके लिए टॉयलेट की व्यवस्था व उनका रखरखाव सही तरीके से होना चाहिए।
— ऋतु चौधरी, जयपुर
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छात्र जीवन के लिए बुनियादी सुविधाओं की महती आवश्यकता
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। आए दिन सरकारी अवकाश आते रहते हैं। मजबूरन विद्यार्थी को ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। कंप्यूटर कक्ष, उचित पुस्तकालय, छात्राओं के लिए अलग से शौचालय, खेल के मैदान की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है जो कि एक छात्र जीवन में बहुत आवश्यक है। हर स्थिति को ध्यान में रख कर बुनियादी सुविधाओं को सुधारने की आवश्यकता है।
— प्रसन्न शुक्ला, कोटा
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बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्राथमिकताएं तय हों
प्रत्येक स्कूल की विशिष्ट आवश्यकताओं और उपलब्ध बजट को ध्यान में रखते हुए, पुराना पाठ्यक्रम, खराब सुविधाएँ, सक्षम प्रशिक्षकों की कमी, उच्च छात्र-शिक्षक अनुपात और प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुँच शामिल हैं । मूल्यांकन के आधार पर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्राथमिकताएं तय हों। मौजूदा कक्षाओं का नवीनीकरण करें तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण करें ताकि भीड़भाड़ कम हो तथा उपयुक्त शिक्षण वातावरण उपलब्ध हो सके।
नरपत सिंह चौहान, जैतारण
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जल- उपलब्धता, शौचालय, खेल का मैदान हो
सरकारी स्कूलों मे बुनियादी सुविधाओं जैसे जल- उपलब्धता, शौचालय, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, खेल का मैदान, पर्याप्त टेबल कुर्सी, खेल खिलौने आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना ज़रूरी है। बच्चों के सर्वागीण विकास में इनका काफी योगदान है । कई स्कूलों मे ये सारी सुविधाएं नहीं है । इसीलिए अभिभावकों को महंगे स्कूलों की ओर रूख करना पड़ता है।
पूजा सिंगार, इंदौर
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सरकार व जनभागीदारी से हो मूलभूत सुविधाओं का विकास
स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है और बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त कक्षाएं उपलब्ध नहीं हैं। कई स्कूलों में पीने योग्य पानी की सुविधा का अभाव है, जिससे छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। सरकार को इस दिशा में और अधिक प्रयास करने चाहिए और जन भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।
— नवीन हबीब शिक्षक
मुंडरगी, गदग जिला, कर्नाटक
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बुनियादी सुविधाओं के विकास से विद्यार्थियों में बढ़ता आत्मविश्वास
अच्छी सुविधाएं न केवल शिक्षा को बेहतर बनाती हैं, बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। शौचालय, पीने का स्वच्छ पानी, पर्याप्त कक्षाएं, पुस्तकालय और खेल सामग्रियों की कमी आम बात है। इनके अभाव में छात्रों की उपस्थिति और पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ता है। सरकार को इन बुनियादी आवश्यकताओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करना चाहिए जिससे बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
— अमृतलाल मारू ‘रवि’ इंदौर मप्र
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क्लासरूम हवादार व पर्याप्त रोशनी वाले हों
स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए हवा और रोशनी की व्यवस्था वाले क्लासरूम हों। खेल का मैदान और लाइब्रेरी भी जरूर होनी चाहिए। साथ ही चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था होनी चाहिए। साफ सुथरे पानी के स्थान और शौचालय अति आवश्यक है। ये सब प्रत्येक विद्यालय मूलभूत आवश्यकताएं है। —
— निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर

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