- दिनेश खिचड़, एकलखोरी जोधपुर
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पति-पत्नी को अपनी हर बातें साझा करनी चाहिए, जिससे दोनों के बीच कोई शंका न रहे। आपस में साथ समय बिताना चाहिए। समय—समय पर साथ में घूमने जाना, मूवी देखना, डिनर पर जाना भी जरूरी है। इससे आपस में नजदीकियां बनी रहती हैं। किसी भी अनावश्यक तीसरे का हस्तक्षेप स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
— कान्हा डोडवे, माली मोहल्ला, बड़वानी, मध्यप्रदेश
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सार्वजनिक या निजी तौर पर एक-दूसरे का अपमान करने से बचें। दोनों को एक—दूसरे की राय, भावनाओं और सीमाओं का सम्मान करना चाहिए। आपसी विश्वास बहुत जरूरी है। रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है। किसी भी ऐसे कार्य से बचें जो आपके साथी के विश्वास को तोड़ सकता है। यदि विश्वास टूट गया है, तो उसे फिर से बनाने के लिए ईमानदारी और धैर्य की आवश्यकता होती है।
— रघुवीर सुथार, गुडामालानी, बाड़मेर
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वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी में यदाकदा मनमुटाव होना स्वाभाविक है। एक- दूजे की भावनाओं को इग्नोर करना और कद्र न करना ही इसका बड़ा कारण है। कई सारी जिम्मेदारियां निभाते—निभाते दोनों एक—दूसरे को समय नहीं दे पाते। इससे गलतफहमियां बढ़ जाती हैं और मनमुटाव की समस्या आ जाती है। समय रहते वक्त की नजाकत को समझना चाहिए।
-वसंत बापट, भोपाल
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पति हो या पत्नी, उच्च शिक्षा या अमीरी का अहंकार नहीं पालें। दूसरों के सामने एक—दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास नहीं करें। दोनों ही एक—दूसरे का सम्मान करें। बड़े-छोटे का भ्रम न पालें। मनमुटाव होने पर भी संवाद (बातचीत) बंद नहीं करें।
- प्रहलाद यादव, महू,मध्यप्रदेश
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वैवाहिक जीवन में रिश्तों को निभाते हुए कई सारे भूलें हो जाती हैं। छोटी छोटी बातों को इग्नोर करना सीखें। तीसरे जने के उकसावे में न आएं। मन की बातें साथ में शेयर करें। बिना टोका—टाकी के एक—दूसरे की बात ध्यान से सुनें। प्रतिदिन थोड़ा समय साथ में बिताएं। समय—समय पर एक—दूसरे की सराहना भी करें।
— स्वराज कुमार अग्रवाल, वडोदरा
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संसार में कोई भी परिपूर्ण नहीं है। हम एक—दूसरे से अधिक अपेक्षाएं पाल लेते हैं। जरूरी है कि एक—दूसरे की कमियों को सहन करना सीखें। न कि उसे अनावश्यक बदलने की कोशिश करें। स्वयं को बदलने का प्रयास करें। पहचानें कि किन इश्यू पर झगडा होता है, उन इश्यूस को समझ कर उनसे दूर रहें। इससे आपसी मनमुटाव को दूर करने में सहायता मिलेगी।
— सुदेश जैन
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दोनों एक-दूसरे से खुलकर और प्यार से बात करें। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने या जिद करने के बजाय माफ करना और आगे बढ़ना सीखें। रोज थोड़ा समय एक-दूसरे के साथ बिताएं, चाहे वो साथ में चाय पीना हो या आराम से बातें करना। रिश्ते में प्यार जताना भी जरूरी है। बिना कुछ कहे अपनापन महसूस कराएं। विवाद में फंसने की बजाय रिश्ता दिल से निभाएं।
— पवन बैरवा, भीलवाड़ा, राजस्थान
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एक दूसरे से खुलकर बात करें। मन में कोई बात नहीं रखें। अपने जीवन साथी की भावनाओं, राय और निर्णय का सम्मान करें। मोबाइल पर कम समय दें, विशेषकर साथ में रहने पर मोबाइल का त्याग करें। छोटी-छोटी खुशियों और दुखों को समझना रिश्ते को मजबूत करता है। गलतियां सबसे होती हैं। एक दूसरे को माफ करना सीखें इससे दांपत्य जीवन सुखमय बनेगा।
- – राम नरेश शर्मा दयापुरा, जयपुर
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दोनों एक दूसरे की खुशी का ध्यान रखें। भीतर का अहंकार को खत्म करें और बिना किसी दबाव के एक—दूसरे की बातों को समझें। धैर्य और मर्यादा बनाए रखें। केवल अपनी मनमर्जी न चलाएं, दूसरे की भावनाओं का भी ख्याल करें।
— निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर