खेल केवल पुरुषों के लिए नहीं समाज में यह धारणा बदलनी होगी कि खेल केवल पुरुषों के लिए हैं। महिलाओं की खेल उपलब्धियों को प्रचारित किया जाए ताकि वे रोल मॉडल बन सकें। परिवारों को प्रोत्साहित किया जाए कि वे लड़कियों को खेलों में भाग लेने दें। – जूठाराम देवासी, सिरोही
खेलों के प्रति महिलाओं में आत्मविश्वास विकसित किया जाना चाहिए। खेलों में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके भीतर छिपी प्रतिभा को उजागर करना होगा। भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। खेलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए अधिक अवसर व सुविधाएं दी जानी चाहिए। महिलाओं को खेलों के लाभों के बारे में शुरू से ही जागरूक किया जाना चाहिए। खेलों और खेल प्रबंधन में महिलाओं को बढ़ावा देना समाज में एक सशक्त वातावरण बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे महिलाओं को उनकी भलाई के लिए महत्वपूर्ण खेल आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिल सकेगा। हर महिला प्रतिभावान है। बस अवसर चाहिए। – डॉ. राजेन्द्र कुमावत, जयपुर
खेलों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए खेल विद्यालयों की स्थापना करनी होगी एवं महिलाओं को विश्व स्तरीय कोचिंग सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी और खेल छात्रवृति प्रदान करनी होगी तभी भारत की महिलाएं ओलम्पिक्स जैसे विश्व स्तरीय खेलों में चीन व अमरीका का मुकाबला कर पाएंगी। – शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर, राजस्थान