ऐसे ही चलता रहा तो हम कहीं के नहीं रहेंगे
नीमन ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय शतरंज प्रतिभाओं के तेजी से आगे बढ़ने के पीछे सरकार का समर्थन, दिग्गजों का मार्गदर्शन और देशभर से मिलने वाले प्यार और सम्मान का बहुत बड़ा हाथ है। जिसकी अमेरिका में कमी है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। नीमन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम शतरंज की दुनिया पर राज करना चाहते हैं तो हमें भाड़े पर दूसरे देशों से खिलाड़ी खरीदने के बजाय युवा प्रतिभाओं का समर्थन करना चाहिए।
लीग के लिए छोड़ देते हैं शतरंज
नीमन ने भारतीय शतरंज के बुनियादी ढांचे की प्रशंसा की और अमेरिकी शतरंज की खामियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, भारत में विश्वनाथन आनंद जैसे महान खिलाड़ी युवाओं को बढ़ावा देते हैं उनके साथ समय बिताते हैं। बड़ी कंपनियां और भारत सरकार खिलाडि़यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे उन्हें शतरंज पर ध्यान केंद्रित करने का पर्याप्त समय मिलता है। लेकिन अमरीका में कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी आईवी लीग के लिए शतरंज ही छोड़ देते हैं।
शतरंज का पावरहाउस
भारत के पास डी गुकेश के रूप में वर्तमान विश्व चैंपियन हैं, जबकि ओपन और महिला दोनों वर्गों में ओलंपियाड का गत विजेता भी है। जूनियर विश्व चैंपियनशिप में हाल में प्रणव वेंकटेश ने खिताब जीता है, जबकि उसी दिन प्राग मास्टर्स में अराविंद चितंबरम चैंपियन बने।