पिछड़ने के बाद शीतल ने जीता स्वर्ण
महिलाओं के कंपाउंड स्वर्ण पदक मैच में शीतल देवी ने 8 और 7 के स्कोर के साथ शुरुआत की, जबकि पायल ने डबल 10 के साथ शुरुआत की। 17 वर्षीय पायल ने हालांकि तीसरे राउंड में बढ़त खो दी, जहां उन्होंने पहली बार 7 का स्कोर बनाया और शीतल ने 9 और 10 के अपने लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर वापसी की। निर्णायक पांचवें राउंड में शीतल ने खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में स्वर्ण पदक जीता।
हार के बावजूद खुश हैं पायल
फाइनल में हार के बाद पायल ने कहा,” “पहले मैं अपने आर्टिफिशियल पैरों में दो उपकरणों के साथ तीर चलाती थी, लेकिन अब मैं सिर्फ़ एक पैर से तीर चलाती हूं। एडजस्ट करने में दिक्कत हुई, लेकिन मैं असुविधा के बावजूद फ़ाइनल में पहुँच गई और आज हवा भी तेज़ थी। लेकिन मैं फ़ाइनल में भाग लेकर रजत पदक जीतने से खुश हूँ।” पायल के कोच कुलदीप वेदवान के अनुसार, एक महीने पहले नया उपकरण मिलने के बाद पैरा-तीरंदाजी में पायल का पुनर्जन्म हुआ है। पुरुषों के कंपाउंड ओपन स्वर्ण पदक मैच में राजस्थान के श्याम सुंदर स्वामी ने छत्तीसगढ़ के तोमन कुमार को कड़ी टक्कर देते हुए 140-139 के अंतर से हराया। कांस्य पदक मैचों में राकेश कुमार ने अपनी अविश्वसनीय निरंतरता का परिचय देते हुए हरियाणा के परमेंद्र को 143-140 से हराया। इसी तरह ज्योति बालियान ने दिल्ली की लालपति को 136-132 से हराया। रिकर्व ओपन कांस्य पदक मैचों में राजस्थान के धन्ना गोदारा और झारखंड की सुकृति सिंह ने क्रमशः पुरुष और महिला वर्ग में जीत हासिल की।