पिता बोले- समिति में नौकरशाहों की मनमर्जी
मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा था कि मनु भाकर ने खेल रत्न के लिए अपना नाम भेजा है, लेकिन उनके पिता ने इससे साफ इनकार किया। उन्होंने कहा कि मैं दावे से कहता हूं कि पहले जिन खिलाडि़यों को खेल रत्न मिला है, उनमें से किसी ने भी इसके लिए आवेदन नहीं किया। आखिर इसकी जरूरत ही क्या है? आप आवेदन करो या नहीं, यह पुरस्कार समिति की मनमर्जी से दिया जाता है, जिसमें नौकरशाहों की भरमार है।
ये है चयन की प्रक्रिया
1. कुछ साल पहले तक खिलाड़ी का नाम उसका फेडरेशन भेजता था। यदि फेडरेशन नाम नहीं भेजे तो खिलाड़ी खुद अपना नाम भेज सकता था, लेकिन अब फेडरेशन को इस प्रक्रिया से अलग कर दिया गया। 2. अब खिलाड़ी को खुद ही अपना नाम पुरस्कार के लिए समिति को भेजना होता है। इसके बाद इन पुरस्कारों के लिए बनाई गई समिति तय करती है कि किस खिलाड़ी को पुरस्कार देना है।
समिति में ये होते हैं शामिल
12 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष का चयन खेल मंत्रालय करता है। समिति में चार पूर्व ओलंपियन, तीन खेल पत्रकार, एक खेल प्रशासक, साई का एक अधिकारी, पैरास्पोर्ट्स का एक खिलाड़ी, एक खेल विशेषज्ञ शामिल होता है।