सिंध में रहते हैं हिन्दू समुदाय के अधिकतर लोग
पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय के अधिकतर लोग सिंध में रहते हैं और उनका मुख्य धार्मिक उद्देश्य अपने परिजनों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करना होता है। श्मशान घाटों में अस्थियां एकत्रित करने और उन्हें उचित समय पर विसर्जित करना उनका भी सपना होता है। पाकिस्तान में हिन्दू समर्थक समूहों (Pakistani Hindu Rights Groups) और विशेषज्ञों ने वीज़ा देने के भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, अब इन पाकिस्तानी हिन्दुओं की अस्थियां गंगा (Ganga) में प्रवाहित हो सकेंगी।
कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा
भारत सरकार ने महाकुंभ योग के लिए इन अस्थियों को भारत लाने के लिए वीजा जारी किया। रविवार 2 फरवरी को कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित हुई, जहां मृतकों के परिजनों ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। इस धार्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और विधिपूर्वक अंतिम विदाई दी। यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान से हिन्दू अस्थियां भारत भेजी गई हैं, लेकिन इस बार संख्या सबसे ज्यादा हैं।
हरिद्वार में दो सप्ताह तक होंगी प्रार्थनाएं
भारत पहुंचने के बाद अस्थियां सीधे हरिद्वार भेजी जाएंगी, जहां अगले दो सप्ताह तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान होंगे। श्रीराम नाथ मिश्रा महाराज ने कहा कि मैं इस पुण्य कार्य में सहयोग करने के लिए खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं। महाकुंभ के समापन तक श्रीराम नाथ मिश्रा महाराज हरिद्वार में रुक कर आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थनाएं करेंगे। सारी विधि विधान पूरे होने के बाद अंत में विधिपूर्वक गंगा में इन अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
शमशान घाट पर सहेज कर रखते हैं अस्थियां
पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू परिवार अक्सर अपने परिजनों के मरने के बाद उनकी अस्थियां संभाल कर रखते हैं? ताकि कभी भविष्य में वह अपने पूर्वजों की निशानी गंगा में विसर्जित कर सकें। जानकारी के अनुसार 400 से अधिक पाकिस्तानी हिन्दुओं की अस्थियों को कराची के मंदिरों और श्मशान घाटों में रखा गया था। अब वीज़ा मिलने के बाद उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जा सकेगा जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सकेगी।
पाकिस्तान में 22 लाख से अधिक हिन्दू रहते हैं
पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण ( NADRA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में 22 लाख से अधिक हिन्दू रहते हैं, जो इस्लामिक राष्ट्र की आबादी का लगभग 1.18 प्रतिशत है और इसमें से अधिकतर 95 प्रतिशत सिंध में रहते हैं, इसलिए विसर्जन का इंतज़ार कर रही अधिकतर लोगों की अस्थियां वहीं से हैं। दोनों देशो में चल रहे तनाव के के कारण सन 2011 से 2016 तक, अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट (JCP) के माध्यम से केवल 295 पाकिस्तानी हिन्दुओं की राख भारत लाई गई थी।