आबूरोड के निकट गुरुवार अलसवेरे कार-ट्रोले की टक्कर में 6 जनों की मौत का समाचार सुनते ही परिवार में मातम छा गया। जानकारी मिलते ही परिवार और समाज के लोग अल सवेेरे ही आबूरोड के लिए रवाना हुए। मृतकों में चार जालोर के व दो चांदराई के निवासी थे। गुरुवार को दोपहर बाद मृतकों के शव जालोर व चांदराई लाए गए। जैसे ही शव जालोर पहुंचे तो हर परिजन के चीत्कार संग आंखों से आंसू बह निकले। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम नजर आई। यहां शाम को एक घर से तीन अर्थी व एक घर से एक अर्थी रवाना हुई तो करुण क्रन्दन से हर व्यक्ति अपने आंसू नहीं रोक पाया। मृतकों की अर्थी जब शहर की गलियों से होकर गुजरी तो लोगों ने हाथ जोडकऱ अर्थी को नमन कर आत्माओं के मोक्ष की कामना की। मृतकों का गुरुवार शाम को प्रजापत समाज के मोक्षधाम में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
अस्पताल में वार्ड ब्वाय पद पर कार्यरत था नारायणलाल
जालोर. नारायणलाल जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय के पद पर कार्यरत था। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। लकवे जैसी शिकायत थी और उसी कारण से जांच करवाने के लिए वे परिवार सहित अहमदाबाद गए थे।
भयावह मंजर देख कांप उठे लोग
दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और इसमें सवार सभी लोग फंस गए। कार में सवार लोगों के जिंदा की होने की आस लगाए पुलिस, प्रशासन ने काफी मशक्कत कर दुर्घटनाग्रस्त कार को ट्रोले से अलग किया, लेकिन 7 में से 6 लोगों की मौतें हुई और एक महिला गंभीर स्थिति में रेफर की गई।
चांदराई में मौत की खबर सुनते छाया मातम
चांदराई. आबूरोड के निकट कार-ट्रोले की टक्कर में छह जनों की मौत में चांदराई के पिता पुत्र भी शामिल है। जैसे की उनकी मौत की खबर मिली तो कस्बे में मातम छा गया। कस्बे के कालुराम पुत्र परखाराम अपने पुत्र यशपाल के साथ 3 मार्च शाम को अपने बहनोई नारायणलाल को अहमदाबाद में चिकित्सा परामर्श के लिए लेकर गए थे। उनके साथ बहन पोसी देवी, भांजा दुष्यंत और दरीया देवी एवं जयदीप भी साथ थे। ये लोग अहमदाबाद से पुन: 5 मार्च रात्रि 10 बजे रवाना होकर जालोर आ रहे थे। जहां आबूरोड के पास हादसे में पिता-पुत्र समेत बहन, बहनोई, भांजा व एक अन्य की मौत हो गई और एक महिला गंभीर घायल हो गई। कस्बे में पिता पुत्र के शव पंहुचने पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घर.परिवार वाले बिलखते हुए रो रो कर बुरा हाल हो गया। गुरुवार शाम को पिता-पुत्र का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हर व्यक्ति की आंख नम हो गई।
कालूराम के इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान थी
कालुराम पुत्र परकाराम कुमावत के चांदराई मेंइलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान थी। कालुराम अपने परिवार में इकलौता बेटा था। इनके पिता की चार साल पहले व माता की दो साल पहले मौत हो चुकी है। अब कालूराम के परिवार में उसकी पत्नी, तीन बेटियां व एक बेटा पीछे बचा है।